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क्या है मणिपुर केस ? What is manipur case ? (Full information )

मणिपुर में हिंसा भड़कने का कारण (Manipur Violence Reason)


आपको यहां पर यह भी जानना चाहिए कि, हमारे भारतीय संविधान के आर्टिकल 371 सी के अंतर्गत मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाली जनजातियों को स्पेशल दर्जा और सर्विस प्रदान की जाती है। यह स्पेशल दर्जा और सुविधाएं मैंतई समुदायों को नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा मणिपुर में लैंड रिफॉर्म एक्ट भी लागू है, जिसकी वजह से मैतई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में जमीन की खरीदारी नहीं कर सकते हैं ना ही जाकर वहां पर बस सकते हैं परंतु जनजाति समुदाय के लोग पहाड़ी इलाके से घाटी वाले इलाके में आ सकते हैं और यहां पर जमीन की खरीदारी कर सकते हैं। यही वजह है कि दोनों समुदायों में काफी लंबे समय से मनमुटाव चल रहा है।

मणिपुर में कौन से समुदाय के लोग रहते हैं (Which community people live in Manipur)?


मणिपुर में पहाड़ी इलाका काफी अधिक है। इसकी जो राजधानी इंफाल है, वह पूरे प्रदेश का तकरीबन 10 पर्सेंट हिस्सा है जिसमें मणिपुर राज्य की 57% की आबादी निवास करती है और बाकी की 43 परसेंट आबादी पहाड़ी इलाकों में निवास करती है। अब यह जो इंफाल घाटी वाला इलाका है यहां पर मैंतई समुदाय की ज्यादा आबादी है जो कि हिंदू धर्म को मानते हैं और जानकारी के अनुसार मणिपुर की टोटल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 53% है। मणिपुर के तकरीबन 60 विधायक में से 40 विधायक मैंतई समुदाय से ही आते हैं। मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में तकरीबन 33 मान्यता प्राप्त जनजाति निवास करती हैं, जिनमें प्रमुख जनजाति के तौर पर नागा और कुकी जनजाति का नाम लिया जाता है, जो कि ईसाई मजहब को मानती है। इसके अलावा मणिपुर राज्य में 8% आबादी मुसलमानों की और 8% आबादी सनमही समुदायों की है।

मणिपुर में हिंसा की शुरुआत कब और कैसे हुई (Manipur Violence Start)


अभी मणिपुर राज्य में जो टेंशन चल रहा है, उसकी शुरुआत मणिपुर के चुराचंदपुर जिले से हुई। यह जिला मणिपुर की इंफाल राजधानी से तकरीबन 63 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। इस जिले में कुकी आदिवासी बड़े पैमाने पर निवास करते हैं। बताना चाहते हैं कि गवर्नमेंट के लैंड सर्वे का विरोध करने के लिए साल 2023 में 28 अप्रैल के दिन दा इंडीजीनस ट्राईबल लीडर फोरम ने इसी जिले में बंद का ऐलान किया था जो कि 8 घंटे का था। परंतु 28 अप्रैल के दिन बंद के दरमियान बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई। 28 अप्रैल की रात को ही तुइबोंग एरिया में हिंसक भीड़ के द्वारा वन डिपार्टमेंट के ऑफिस के अंदर तोड़फोड़ की गई और उसमें आग लगा दी गई। 28 अप्रैल के 5 दिन के पश्चात ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर के द्वारा आदिवासी एकता मार्च के नाम से एक यात्रा निकाली गई। इसका मुख्य उद्देश्य था मैतई समुदाय को शेड्यूल कास्ट का जो दर्जा दिया जा रहा है उसका विरोध करना। यहां से पहले के मुकाबले में कंडीशन और भी ज्यादा खराब हो गई। आदिवासियों की इस यात्रा के विरोध में अब मैतई हिंदू समुदाय खड़ा हो गया।

इस प्रकार से अब लड़ाई 3 समुदायों के बीच हो गई जिसमें एक तरफ मैतई हिंदू समुदाय है तो दूसरी तरफ कुकी और नागा क्रिश्चियन समुदाय है। बताना चाहते हैं कि साल 2023 में ही 4 मई के दिन मुख्यमंत्री वीरेंद्र सिंह की रैली भी होने वाली थी। परंतु रात में ही भीड़ के द्वारा रैली के स्थल पर तोड़फोड़ करके रैली के लिए लगाए गए सामान में आग लगा दी गई जिसकी वजह से कार्यक्रम नहीं हो पाया। जानकारी के अनुसार अभी तक 150 से भी अधिक लोगों की मृत्यु इस हिंसा में हो चुकी है और 3000 से भी अधिक लोग घायल हो चुके हैं। हालांकि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है।

मैतेई समुदाय की मांग एवं विरोध (Demand and protest of Meitei community)


मैतई समुदाय के द्वारा हिंदू धर्म को माना जाता है। इनकी संस्था के द्वारा पिछले काफी सालों से इस समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने की मांग की जा रही है और इसके लिए समुदाय के प्रमुख लोगों के द्वारा मणिपुर हाई कोर्ट में केस भी दायर किया गया था, जिस पर मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजाति मामले के मंत्रालय की सिफारिश को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। यह जो सिफारिश है इसमें मैतई समुदाय को जनजाति में शामिल करने के लिए कहा गया था अर्थात मणिपुर कोर्ट के द्वारा मैतई समुदायों को आदिवासी समुदाय में शामिल करने का आदेश दिया गया था परंतु मणिपुर हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है जिसकी सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी और जस्टिस जेबीट वाला की बेंच करेगी।

मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video)


अलग-अलग समाचार वेबसाइट के अनुसार वर्तमान के समय में मणिपुर का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें जो महिला दिखाई दे रही है, वह कूकी समुदाय की महिलाएं हैं। यह वीडियो साल 2023 में 4 मई के दिन बनाया गया था, ऐसा कहा जा रहा है। यह वह समय था जब मणिपुर राज्य में हिंसा धीरे-धीरे भड़क रही थी।

मणिपुर हिंसा के आरोपी (Manipur Violence Accused)


वीडियो में दिखाई दे रही कूकी समुदाय की महिलाओं को नंगा करके घुमाने का आरोप मैतई समुदाय के लोगों पर लगा हुआ है। पुलिस के द्वारा वायरल वीडियो के आधार पर अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या जैसा मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेक्माई पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।

मणिपुर हिंसा की खबर (Manipur Violence News)


दूसरी तरफ मणिपुर के वर्तमान मुख्यमंत्री श्रीमान वीरेंद्र सिंह के द्वारा भी इस मामले की जांच सही प्रकार से हो सके इसके लिए एक स्पेशल टीम को बना दिया गया है, साथ ही साथ भारत के सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा भी मणिपुर सरकार से इस मुद्दे पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

मणिपुर हिंसा का मुख्य आरोपी गिरफ्तार (Manipur Violence Main Accused Arrested)


वायरल हो रहे वीडियो के आधार पर मणिपुर पुलिस के द्वारा इस घटना के मुख्य आरोपी चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें मुख्य आरोपी का नाम हेरादास बताया जा रहा है जिसकी गिरफ्तारी पुलिस के द्वारा मणिपुर के थॉउबल जिले से की गई है। वही प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मुख्य आरोपी के घर को भी गुस्साई भीड़ ने जला दिया है। जल्द ही इस कांड में शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी भी पुलिस के द्वारा कर ली जाएगी, ऐसा पुलिस ने आश्वासन दिया है।

Manipur Case Latest Update


मणिपुर केस जोकि 2 महिलाओं को निर्वस्त्र करके पब्लिक प्लेस में घुमाया गया था, इसके बाद एक और खबर सामने आ रही है. जी हां एक महिला ने FIR दर्ज कराई है कि उसके साथ गैंगरेप किया गया है. दरअसल मणिपुर के चुराचांदपुर की एक मैतेई समुदाय की महिला ने कुकी समुदाय के लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया है. और पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज की है.

मणिपुर केस लोकसभा (Manipur Case Lok Sabha)


हालही में लोकसभा में मानसून सत्र चल रहा है. इस दौरान विपक्ष ने बीजेपी को घेर लिया है, राहुल गांधी का कहना है कि मणिपुर में भारत मां की हत्या हुई. इसके अलवा भी उन्होंने मोदी सरकार पर काफी तंज कसे. हालांकि इस पर केन्द्रीय मंत्री स्मृतीईरानी   ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल भारत माता की हत्या पर ताली बजा रहे हैं. यह हंगामा पूरे सत्र में चला है. अब देखना यह होगा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट कता कार्यवाही करता है.

मणिपुर में हिंसा फिर भड़क गई (Manipur Case Latest News)


मणिपुर में दो छात्रों की गायबी और हत्या की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, स्थिति बिगड़ गई है। इस घटना के प्रति विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। 27 सितंबर को, प्रदर्शनकारी ने थौबल जिले में भाजपा कार्यालय को आग लगा दी। इस परिस्थिति के मद्देनज़र, मणिपुर सरकार ने पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। सरकार का मानना है कि अलग-अलग विद्रोही समूहों की गतिविधियों के कारण, राज्य में सशस्त्र बलों की आवश्यकता है। सरकार के अनुसार, AFSPA अभी भी राज्य के कई क्षेत्रों में प्रयुक्त रहेगा, लेकिन 19 थाना क्षेत्र इससे अलग होगा। यह घटना लोगों को गहराई से प्रभावित कर रही है और वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) से भी झड़प की है, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने लोगों को यह आश्वासन दिया है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रहे हैं, और कथित तौर पर CBI को मामला सौंपा गया है। राज्य सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की है।

IPS राकेश बलवाल मणिपुर हिंसा (IPS Rakesh Balwal Manipur Violence)


राकेश बलवाल इंडियन पुलिस सर्विस के एक अधिकारी तो है ही, इसके अलावा वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी अर्थात नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम के मेंबर भी रह चुके हैं। इनके द्वारा ही पुलवामा आतंकवादी हमले में 13, 800 पेज की चार्जशीट को कोर्ट में प्रस्तुत करने का काम किया गया था, जिसकी वजह से बहुत से लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी। बताना चाहते हैं कि, राकेश मणिपुर कैडर 2012 बैच के आईपीएस के ऑफिसर है जिन्हें साल 2018 में 4 साल के कार्यकाल के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी में पुलिस अधीक्षक के तौर पर पोस्टिंग प्रदान की गई थी। आईपीएस ऑफिसर राकेश को नीतिगत छुट के अंतर्गत तकरीबन 3 साल के लिए मणिपुर कैडर से अरुणाचल प्रदेश गोवा मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश कैडर में ट्रांसफर किया गया था। फिलहाल के समय में यह मणिपुर हिंसा की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।

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admin

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