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कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए।



उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। लगातार दो दिन से 500 से कम संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या दो से तीन गुना ज्यादा है। बीते 24 घंटे में 493 संक्रमित मिले और 1413 मरीज ठीक हुए हैं। इसी दौरान 11 मरीजों की मौत हुई है। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 47995 हो गई है। जबकि सक्रिय मरीज 10 हजार से कम हो गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को 9087 सैंपल निगेटिव मिले हैं। संक्रमित 493 मरीजों में सबसे ज्यादा 174 मरीज देहरादून जिले में मिले हैं। टिहरी में 65, ऊधमसिंह नगर में 60, हरिद्वार में 53, नैनीताल में 47, उत्तरकाशी में 40, चंपावत व पिथौरागढ़ में 15-15, चमोली में 13, रुद्रप्रयाग में चार, बागेश्वर में छह और अल्मोड़ा जिले में एक कोरोना मरीज मिला है।

आज मृतक 11 संक्रमितों में से एम्स ऋषिकेश में तीन, दून मेडिकल कॉलेज में दो, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में चार, बेस अस्पताल अल्मोड़ा में एक और एसएन हॉस्पिटल अल्मोड़ा में एक संक्रमित ने दम तोड़ा है। मरने वालों की संख्या 591 हो गई है। वहीं, 1413 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किए गए। अब तक 38059 मरीज ठीक हो चुके हैं। सक्रिय मरीजों की संख्या घट कर 9122 पर आ गया है।

चार जिलों की कोरोना की रिकवरी दर 80 प्रतिशत से ज्यादा:
प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर में तेजी से सुधार हो रहा है। चार जिलों में रिकवरी दर 80 प्रतिशत ज्यादा है। बीते 14 दिन के भीतर रिकवरी दर में 11 प्रतिशत का सुधार आया है। ठीक होने वाले मरीजों में टिहरी जिला अव्वल है। जबकि सबसे कम पौड़ी जिला में 60 प्रतिशत रिकवरी दर है।

दो सप्ताह पहले प्रदेश की रिकवरी दर 66 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसके बाद से संक्रमित मामलों को कमी आई है और ठीक होने वाले मरीज बढ़े हैं। इससे प्रदेेश की रिकवरी दर 11 प्रतिशत बढ़कर 77 प्रतिशत हो गई है। टिहरी, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और हरिद्वार में रिकवरी दर 80 प्रतिशत से अधिक है।

जबकि चंपावत, चमोली और पौड़ी जिले की रिकवरी दर 70 प्रतिशत कम है। कोरोना आंकड़ों का अध्ययन कर रहे सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि प्रदेश में बीते दो सप्ताह में रिकवरी दर में सुधार आया है। मैदानी जिले हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले ने रिकवरी में सुधार किया है। दोनों जिलों की रिकवरी दर 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

कोविड जांच में गड़बड़ी पर मानवाधिकार आयोग सख्त:
निजी पैथोलॉजी लैबों में कोविड सैंपल टेस्ट में गड़बड़ी पर मानवाधिकार आयोग ने अमर उजाला की खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने जिलाधिकारी के माध्यम से की जा रही जांच की रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने 14 अक्तूबर को होने वाली सुनवाई में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

अमर उजाला में 20 सितंबर को प्रकाशित ‘प्राइवेट लैब के लिए धंधा बना कोरोना’ खबर पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग का कहना है कि निजी लैब में सैंपल जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है और सरकरी लैब में निगेटिव आ रही है, यह एक गंभीर मामला है।

आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने आदेश में कहा है कि ऐसा लगता है कि कोविड जांच एक धंधा सा बन गया है। बता दें कि सचिव स्वास्थ्य ने जिलाधिकारी देहरादून को 15 दिन के भीतर मामले की जांच करने को कहा था। आयोग ने डीएम की जांच रिपोर्ट तलब की है।

देहरादून जिले में चार नए कंटेनमेंट जोन और बने:
कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद जिले में चार नए कंटेनमेंट जोन बना दिए गए हैं। इसके अलावा पूर्व में पाबंद किए गए तीन इलाकों में 14 दिन के एक्टिव सर्विलांस में नया मामला सामने न आने पर उन्हें कंटेनमेंट जोन से मुक्त कर दिया गया है।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद नगर निगम देहरादून के अजबपुरकला स्थित विजय बहुगुणा टीएचडीसी कॉलोनी, 24/21/1 बंगाली मोहल्ला, टीएचडीसी कॉलोनी अजबपुरकला एवं चमन विहार फेज-02 लेन नंबर-03 को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

इसके अलावा नया गांव हाथी बड़कला, प्रेमनगर माफी (चरखी गेट निकट) एवं लौहार गली 256-ए डाकरा नागेश्वर गढ़ी में नए मामले सामने न आने पर उन्हें कंटेनमेंट जोन से आजाद कर दिया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट के बाद डीएम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।

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