Uncategorizedउत्तराखंडखबर हटकरताज़ा ख़बरेंन्यूज़भारत

तूफान ‘तेज’ के साथ ‘हामून’ ने बढ़ाई टेंशन,

‘Hamun’ increased tension along with storm ‘Tej’,


करीब पांच साल बाद यह परिस्थिति फिर बनी है कि भारत से सटे अरब सागर और बंगाली की खाड़ी में एक साथ दो-दो चक्रवाती तूफान मंडरा रहे हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इन तूफानों को गंभीर श्रेणी में रखा है और इसे लेकर चेतावनी जारी की है. दक्षिण भारत के राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इन तूफानों के चलते बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. बंगाल की खाड़ी में तैयार हो चुका चक्रवाती तूफान का नाम हैमून तय किया गया है तो वहीं अरब सागर में तैयार हुए चक्रवाती तूफान का नाम तेज रखा गया है.

हैमून सोमवार की शाम को ओडिशा से करीब 230 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 360 किलोमीटर और खेपुपारा (बांग्लादेश) के दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित था. मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक बहुत गंभीर श्रेणी के चक्रवाती तूफान तेज ने 24 अक्टूबर को 2.30 के दौरान अल गैदा के दक्षिण में यमन तट को पार किया. इस दौरान अधिकतम निरंतर हवा की गति 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई. आइए जानते हैं दो चक्रवाती तूफान से जुड़ी प्रमुख बातें…

पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान तेज 23 अक्टूबर को 23.30 बजे पश्चिम मध्य अरब सागर के ऊपर यमन तट के बहुत करीब, अल गैदह (यमन) से लगभग 30 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पूर्व में केंद्रित था.

आईएमडी ने कहा कि गहरे दबाव के रूप में 25 अक्टूबर की शाम के आसपास खेपुपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश तट को पार करने की उम्मीद है.

बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान का नाम हामून रखा गया. हामून का नाम ईरान ने रखा है. यह एक फारसी शब्द है, जो अंतर्देशीय रेगिस्तानी झीलों या दलदली भूमित को संदर्भित करता है.

एससीएस हामून पारादीप (ओडिशा) से लगभग 290 किमी पूर्व, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 270 किमी दक्षिण-पूर्व, खेपुपारा (बांग्लादेश) से 230 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में वीएससीएस में बदल गया. सीएस के रूप में 25 अक्टूबर की शाम के आसपास खेपूपारा और चटगांव के बीच बांग्लादेश के तट को कमजोर करने और पार करने की संभावना है.

एससीएस टीईजे तटीय यमन के ऊपर अल ग़ैदाह (यमन) से लगभग 30 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम और सलालाह (ओमान) से 270 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में है। पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर आगे बढ़ने और अगले 03 घंटों के दौरान एक चक्रवाती तूफान और एक अवसाद में कमजोर होने के लिए अगले 06 घंटों के दौरान.

IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र की तरफ से कहा गया है कि तूफान की गति 80 से 100 किलोमीटर के बीच रह सकती है. दुर्गा पूजा पंडालों को नुकसान हो सकता है. क्योंकि ये इतनी गति की हवा नहीं झेल सकेंगे. पिछले 24 घंटे में ही ओडिशा में लगभग 15 एमएम बारिश हो चुकी है.

आईएमडी ने मछुआरों को विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह दी है. ओडिशा तट, उत्तरी बंगाल की खाड़ी और पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में बुधवार तक नहीं जाने की सलाह दी है. कोलकाता, दक्षिण 24 परगना जिलों के कुछ हिस्सों और पूर्व मेदिनीपुर के इलाकों में बिजली गिरने की आशंका जताई गई है.

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “समुद्र में गुजरने वाला चक्रवात ओडिशा तट से लगभग 200 किमी दूर रहेगा और इसलिए, तटीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के अलावा राज्य में किसी बड़े प्रभाव की उम्मीद नहीं है.”

जमीन से टकराने से काफी पहले तेज के जमीन की निकटता के कारण घर्षण और समुद्र की सतह के तापमान में गिरावट के कारण कमजोर होने और गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है.

सीज़न का पहला चक्रवाती तूफ़ान तेज जो कल ही अरब सागर में बना, वह अति गंभीर चक्रवाती तूफ़ान में बदलने के बाद एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया.

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.