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उत्तराखंड में कोरोना महामारी ने दून अस्पताल में अब तक 130 मरीजों की जान ली है।



उत्तराखंड में कोरोना महामारी ने दून अस्पताल में अब तक 130 मरीजों की जान ली है। चिंताजनक बात यह है कि मरने वालों में से 78 मरीज शुगर की बीमारी से ग्रस्त थे। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों के अध्ययन में कोरोना संक्रमण और इसके दुष्प्रभावों से जुड़े ऐसे ही तमाम तथ्य सामने आए हैं।

अध्ययन के मुताबिक, दून अस्पताल में अभी तक 130 मरीजों की मौत हुई। इनमें से 85 मरीज ऐसे थे, जो कि पहले से ही को-मोर्बिडिटी यानी किसी गंभीर मर्ज का शिकार थे। इन 85 मरीजों में से 78 मरीज ऐसे थे, जो कि डायबिटीज का शिकार थे।
स्टडी में यह बात भी सामने आई है कि मरने वालों में दिल के मर्ज से जुड़े मरीज दूसरे स्थान पर रहे हैं। मरने वालों में 34 प्रतिशत मरीज ऐसे भी रहे जो कि या तो देरी से इलाज के लिए पहुंचे या फिर लापरवाही के कारण कोरोना उनके शरीर पर हावी हो गया।

दिल के मर्ज वालों के लिए भी चिंता:
कोरोना के शिकंजे में फंसे मरीजों को न केवल शुगर बल्कि दिल से जुड़ी बीमारियां भी जानलेवा साबित हो रही है। अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मरने वालों में दूसरे नंबर पर दिल के मरीज, तीसरे नंबर पर ब्लड प्रेशर, चौथे नंबर पर किडनी के मर्ज और पांचवें नंबर पर मोटापे से जुड़े मरीज शामिल हैं। इसके अलावा ऐसे मरीजों के लिए भी कोरोना खतरनाक बन रहा है जो कि किसी इंफेक्शन का शिकार हैं।

डॉक्टरों की सलाह बिना होम आईसोलेशन खतरनाक:
दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का कहना है कि अध्ययन के नतीजों के तौर पर यह बात सामने आई है कि अगर कोई भी व्यक्ति पहले से किसी मर्ज का शिकार है तो वह खुद ही होम आईसोलेशन में न रहे। इसके बजाए कोरोना के लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल में अपनी जांचें कराए। इसके बाद अगर चिकित्सक कहें, तभी होम आईसोलेशन में रहें। चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अगर आपकी आयु 60 वर्ष से अधिक है तो नियमित अपनी जांचें कराते रहें।

लापरवाही, नीम-हकीम, देरी भी बनी मौत का कारण:
दून अस्पताल के अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि करीब 34 प्रतिशत मरने वाले मरीज ऐसे हैं, जो कि या तो देरी से इलाज के लिए पहुंचे या फिर जिन्होंने खुद ही घर पर दवाईयां लीं। ऐसे भी कुछ मरीज हैं जो कि कहीं और से रेफर होने के बाद दून अस्पताल पहुंचे। 34 प्रतिशत मरीज ऐसे रहे जो कि भर्ती होने के महज 24 घंटे के भीतर ही मर गए।

कोरोना के इलाज के दौरान तमाम तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं। अब तक जिन 130 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है, उनके अध्ययन में शुगर के करने वाले मरीज सबसे अधिक पाए गए हैं। हमारे चिकित्सकों की टीम अभी कोरोना को लेकर और स्टडी कर रही है।
-डॉ. आशुतोष सयाना, प्रिंसिपल, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज

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