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जानिए भजन लाल शर्मा के सीएम बनने के पीछे की कहानी और क्यों बीजेपी को राजस्थान में ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी.

Know the story behind Bhajan Lal Sharma becoming CM and why BJP was looking for a Brahmin face in Rajasthan.

राजस्थान में सीएम को लेकर पिछले कुछ दिनों से चली आ रही तनातनी खत्म हो गई है. अशोक गहलोत के बाद बीजेपी सांसद भजन लाल शर्मा राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे. राजस्थान में जहां गहलोत सरकार के पतन के बाद 17 प्रवेश परीक्षाओं के दस्तावेज लीक हो गए, वहीं अब मुख्यमंत्री पद का फैसला एक कागज के टुकड़े पर हो गया है. कागज के इस टुकड़े पर जो लिखा था वह आखिरी क्षण तक आकर्षक बना रहा। इसे कोई लीक नहीं कर सकता था, और कोई इसे लीक नहीं कर सकता था। नोट लेने वाला हाथ वसुंधरा राजा का था और नोट पर नाम भजनलाल शर्मा था। पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है.

तनाव इतना ज्यादा था कि खुद भजनलाल शर्मा अंत तक जोर देते रहे कि हम प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

उत्साह इतना था कि भजनलाल शर्मा का नाम आते ही आम कार्यकर्ता खुशी से नाचने लगे।

विरोध इतना बड़ा था कि नौ दिनों तक जयपुर से दिल्ली तक दंगे होते रहे।

स्क्रिप्ट इतनी दमदार थी कि वसुन्धरा राजा को एक कागज का टुकड़ा दिया गया जिस पर भजनलाल शर्मा का नाम लिखा हुआ था.

और हरकतें ऐसी कि जब सभी लोग विधायक दल की बैठक में जा रहे थे तो भजनलाल शर्मा ने ऐसा व्यवहार किया कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बनेंगे. और फिर कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी.

3 दिसंबर को राजस्थान के नतीजे भी उतने ही दिलचस्प रहे. 12 तारीख को राजस्थान के मुख्यमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया भी कम दिलचस्प नहीं थी. विधायक दल की बैठक में पिछली पंक्ति में बैठे पहली बार सांसद बने भजन लाल शर्मा का मुख्यमंत्री बनना तय है। अग्रिम पंक्ति में प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की फोटो अच्छी है। लेकिन एक कार्यकर्ता की तरह पिछली पंक्ति में खड़े विधायक भजनलाल शर्मा इस बात से हैरान हैं कि वे मुख्यमंत्री बनेंगे.

बीजेपी ने बनाई चौंकाने वाली हैट्रिक ( BJP made a shocking hat-trick)

छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को बर्खास्त करने और विष्णु देव साय को सीएम बनाने के साथ जो चौंकाने वाला काम शुरू हुआ, वह मध्य प्रदेश में भी जारी रहा, जहां शिवराज की बर्खास्तगी से मोहन यादव को झटका लगा।
फिर मंगलवार को बीजेपी ने राजस्थान में आश्चर्यजनक हैट्रिक पूरी की और वसुंधरा राजे को पछाड़कर भजन लाल शर्मा को आगे कर दिया.

राजस्थान में क्यों चुने गए भजन लाल ( Why was Bhajan Lal elected in Rajasthan)

भजनलाल शर्मा को चुनकर अगर आपको लगता है कि सिर्फ राजस्थान में नए नेतृत्व की शुरुआत बीजेपी ने कर दी है तो ये कहना सीमित होगा. क्योंकि कहा जा रहा है कि राजस्थान से भजन के जरिए उस दांव को बीजेपी ने चला है जो सिर्फ राजस्थान तक सीमित ही नहीं रहेगा.

– भजन लाल शर्मा ब्राह्मण हैं.

– राजस्थान में 1990 में हरिदेव जोशी आखिरी ब्राह्मण सीएम थे.

– राजस्थान में बीजेपी ने 33 साल बाद फिर से एक ब्राहमण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया है.

– उत्तर भारत में अभी राजस्थान पहला राज्य है, जहां ब्राह्मण मुख्यमंत्री होगा.

– यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे डिप्टी सीएम तो बने लेकिन सीएम नहीं.

– ऐसे में एक झटके में ब्राह्मण को ही सीएम बनाकर ये धारणा तोड़ी गई कि डिप्टी सीएम पद से संतोष ब्राह्मणोंको करना होगा.

– अब ब्राह्मण वोट का हिसाब देखिए. उत्तर भारत की बात करें तो राजस्थान में ही 8 फीसदी ब्राह्मण हैं, यूपी में 10 से 12 प्रतिशत ब्राह्ण वोट बताए जाते हैं, हिमाचल प्रदेश में 18 फीसदी हैं, मध्य प्रदेश में 6 प्रतिशत, बिहार में चार फीसदी बताया गया है.

राजस्थान में ब्राह्मण वोट के क्या मायने? ( What is the meaning of Brahmin vote in Rajasthan)

ब्राह्मण वोटर आबादी में जितना होता है, उससे ज्यादा प्रभावी होकर वोट देता है. तब क्या ब्राह्मण भजन वाले दांव से एक पूरा सर्किल पूरा किया गया है. जो छत्तीसगढ़ में आदिवासी सीएम बनाकर शुरु होता है. फिर मध्य प्रेदश में ओबीसी चेहरे को चुनकर राजस्थान में ब्राह्मण भजन के साथ पूरा हुआ है.

भाजपा को थी ब्राह्मण की तलाश ( BJP was looking for a Brahmin)

छत्तीसगढ़ में आदिवासी और एमपी में ओबासी को सीएम बनाने के बाद ब्राह्मण चेहरे की तलाश थी. चार दिन पहले ही दिल्ली में बैठक बुलाई गई थी. जिसमें ब्राह्मण चेहरे के नाम पर चयन भजनलला का हुआ. इसके अलावा टीम राजस्थान में प्रेम चंद बैरवा, दीया कुमारी का नाम शामिल किया गया.

भजनलाल ही क्यों? क्या सिर्फ ब्राह्मण कार्ड ही वजह है? ( Why only Bhajanlal? Is Brahmin card the only reason)

जब भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान होता है. तब मंच पर ही वसुंधरा राजे मौजूद थीं. वो वसुंधरा जिनसे सबसे पहले जयपुर आकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करीब 10 से 15 मिनट मुलाकात की और फिर वसुंधरा राजे को साथ लेकर ही रक्षा मंत्री बीजेपी विधायक दल की बैठक के लिए पहुंचते हैं और पर्ची में भजनलाल का नाम निकलता है. क्या ये राजस्थान की बदली हुई राजनीति का एक चैप्टर है…

संगठन के लिए करते रहे हैं काम ( have been working for the organization)

बताते चलें कि राजस्थान के चुनाव से पहले भी मंच की जिम्मेदारी भजन लाल ही संभालते थे. कोई भी अध्यक्ष हो मंच वही संभालते थे. राज्य में नेताओं को बुलाते वही थे. कोरोना में कांग्रेस की पोल खोली थी. तब से भजनलाल लाइमलाइट में थे. अमित शाह की पसंद हैं, अब बाकी विधायकों को पसंद आए.

भजन लाल शर्मा का नाम क्यों? ( Why the name of Bhajan Lal Sharma)

बताया जाता है कि राजस्थान में अब तक जो भी बीजेपी में आगे आए उनका कहीं ना कहीं कोई संबंध वसुंधरा राजे से जुड़ाव सामने आता रहा. तब भाजपा को भजन लाल जैसे नेता की तलाश थी. तलाश ऐसे व्यक्ति की थी जो नया सोचता हो. नए तरीके से काम करता हो. तब पार्टी, संगठन और संघ की पसंद भजनलाल बनते हैं.

2024 से पहले नई टीम तैयार ( New team ready before 2024)

2024 से पहले बीजेपी ने नई टीम बनाकर जातिगत समीकरण साधा है. ब्राह्मण वोट करते आ रहे थे. कोई सीएम ब्राहमण नहीं था. अमित शाह की पसंद का चेहरा सीएम बनाकर संदेश दिया है. ब्राह्मण राजस्थान में निर्विवाद होते हैं, दूसरी जाति में विरोध नहीं होता. राजस्थान में राजपूत सीएम बनता है, तो कहते हैं जाट नाराज होता है. ब्राह्मण भजन के साथ नाराजगी की सीमाएं खत्म की गईं. साथ में बैरवा और दीया कुमारी का ऐसा कॉम्बो समीकरण आया. जहां दूसरा दांव चला गया.

दलित को उपमुख्यमंत्री, राजपूत को उपमुख्यमंत्री, दलित को इसलिए क्योंकि कांग्रेस को वेट देते आ रहे हैं, बीजेपी अपने पक्ष में लाना चाहती है.

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admin

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