पुलिस करेगी कार्रवाई अगर व्यापारी विदेशी पटाखे बेचे तो।
उत्तराखंड में दीपावली पर विदेशी पटाखे बेचे तो पुलिस की कड़ी कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। इस संबंध में मंगलवार को आईजी गढ़वाल ने डायरेक्ट्रेट रिवेन्यू इंटेलीजेंस के पत्र के आधार पर सभी कप्तानों को निर्देश जारी किए हैं। दीपावली पर केवल भारत में निर्मित पटाखों को बेचने की ही मंजूरी है।
हर साल दीपावली पर चीन में निर्मित पटाखों की धड़ल्ले से बिक्री की जाती है, लेकिन ये भारतीय नियमों पर खरे नहीं उतरते हैं। आईजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार ने बताया कि पुलिस को डायरेक्ट्रेट रिवेन्यू इंटेलीजेंस की ओर से एक पत्र मिला है। पत्र में विदेशी पटाखों के संग्रह और बिक्री पर रोक लगाने को कहा गया है। इसी के क्रम में सभी सातों जनपदों की पुलिस को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
आईजी ने बताया कि हर जिले में जिलाधिकारी की ओर से पटाखों की बिक्री का लाइसेंस जारी किया जाता है। यह लाइसेंस सिर्फ भारतीय पटाखों की बिक्री के लिए ही होता है। ऐसे में यदि किसी ने विदेशी पटाखों की बिक्री की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में पुलिस को भी लगातार चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।
क्या कहते हैं नियम:
राष्ट्रीय विस्फोटक नियंत्रक ने पटाखों की बिक्री व संग्रह संबंधी 18 बिंदुओं के दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनमें नियम छह कहता है कि कोई भी विक्रेता सिर्फ भारत में निर्मित पटाखे ही बेच सकता है। ऐसा न करने पर स्थानीय प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
क्यों हैं बैन:
दरअसल, भारत में बने पटाखे यहां के नियम कायदों को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। मसलन, हर पटाखे पर यह लिखना अनिवार्य है कि उसकी ध्वनि तीव्रता कितने डेसिबल होगी। भारत में अलग-अलग समय पर अलग-अलग तीव्रता वाले पटाखे ही जलाए जा सकते हैं। इनकी तीव्रता 45 से लेकर 60-70 डेसिबल तक हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार 95 डेससिबल से अधिक की आवाज कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है।