दीपावली से पहले हरिद्वार में निर्माण कार्यों से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
दीपावली से पहले हरिद्वार में निर्माण कार्यों से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। दीपावली पर पॉल्यूशन का स्तर नापने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अवधूत मंडल आश्रम के पास अस्थायी स्टेशन स्थापित कर दिया है। इसमें दीपावली के एक सप्ताह बाद तक का पॉल्यूशन का स्तर नापा जाएगा। बुधवार को हरिद्वार शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 169 प्रति रिकॉर्ड हुआ।
महाकुंभ की तैयारियों के लिए शहर में नाली, सड़क, पुल निर्माण कार्य चल रहा है। गैस, पेयजल, बिजली और आप्टिकल फाइबर केबिल बिछाई जा रही है। धूल मिट्टी उड़ने से वायु प्रदूषण बढ़ा है।
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र सिंह कठैत के मुताबिक हरिद्वार शहर में पीसीबी की ओर से प्रदूषण नापने का स्थायी स्टेशन नहीं है। दीपावली को लेकर पीसीबी ने अस्थायी स्टेशन स्थापित किया है।
पीसीबी के सचिव एसपी सुबुद्धि के मुताबिक अस्थायी स्टेशन अवधूत मंडल आश्रम के पास स्थापित किया है। बुधवार को 169 एक्यूआई रिकार्ड हुआ है। जबकि सामान्य एक्यूआई का स्तर 100 होता है।
इसी तरह पीएम 10 का स्तर 177.77, पीएम 2.5 का स्तर 80.60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकार्ड हुआ है। सल्फर डाईऑक्साइड का स्तर 22.90 और नाइड्रोजन डाईऑक्साइड का स्तर 35.88 रिकार्ड हुआ है।
पटाखों को लेकर जारी एडवाइजरी से व्यापारी नाराज:
दीपावली पर पटाखों को लेकर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का देहरादून में व्यापारियों ने विरोध किया है। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि इस प्रकार की एडवाइजरी व्यापारियों के हित में नहीं है। इससे व्यापारियों को काफी नुकसान होगा। क्योंकि वह पटाखे खरीद चुके हैं। उन्होंने सरकार से अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है।
सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। इसके तहत दून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर, एवं काशीपुर के नगरीय क्षेत्र में केवल ग्रीन पटाखे बेचने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन नगरों में पटाखे जलाने की अवधि भी सीमित कर दी है।
यहां केवल दो घंटे आठ से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकते हैं। दीपावली पर एकाएक इस आदेश से व्यापारियों में आक्रोश फैल गया है। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि कोरोना के कारण वैसे ही व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया है।
कई व्यापारी दीपावली की आस लगाए बैठे थे। इससे की उनकी कमाई हो सके। व्यापारियों ने दीपावली के लिए पटाखे आदि भी खरीद लिए हैं और उनकी बिक्री शुरू भी कर दी है। वह पर्यावरण के प्रति सरकार की जागरूकता की सराहना करते हैं, लेकिन जब पर्व शुरू हो चुका है, ऐसे समय में इस प्रकार के आदेश से व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान सहना पड़ेगा।