सोशल मीडिया वायरल

देहरादून के धार्मिक स्कूल के शिक्षक की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग आया है।



चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षक की मौत सूचना मिलने से लगभग 12 घंटे पहले ही हो चुकी थी। अब सवाल है कि आखिर शिक्षक को पूरे दिन जब परिसर में नहीं देखा गया तो उनकी तलाश क्यों नहीं की गई? हालांकि, पुलिस इसे सामान्य बात मान रही है। वहीं स्कूल से अब 39 बच्चों को घर भेजने की तैयारी की जा रही है। हालांकि आठ बच्चों ने वापस जाने से इनकार कर दिया है।

बता दें, पिछले सप्ताह पुरुकुल के पास एक धार्मिक स्कूल में बच्चों की पिटाई की बात सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। इसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की, लेकिन अगले दिन यहां बौद्ध शास्त्र पढ़ाने वाले 25 वर्षीय शिक्षक का शव फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने रविवार को उसका पोस्टमार्टम कराना चाहा, लेकिन घरवालों की मौजूदगी न होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका। इसके बाद सोमवार को परिजनों की लिखित सहमति से पोस्टमार्टम कराया जा सका।
एसओ राजपुर राकेश शाह ने बताया कि शिक्षक की मौत का कारण हैंगिंग आया है। इसके साथ ही मौत लगभग 12 घंटे पहले होना बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि हो सकता है कि शनिवार का दिन था और सभी अपने अपने कामों में व्यस्त थे। ऐसे में उनके कमरे में किसी ने जाकर नहीं देखा। इसके बाद शाम तक जब कोई जानकारी नहीं मिली तो कमरे में जाकर देखा गया। अभी तक इस मामले में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है कि जिससे शक पैदा हो।

छुट्टी पर भेजा जा रहा है 39 बच्चों को: 
एसओ ने बताया कि स्कूल में 47 बच्चे पढ़ते हैं। इन्होंने ही लॉकडाउन के बाद से घर न जाने के कारण छुट्टी मांगी थी। अब स्कूल प्रबंधन ने अब 39 बच्चों को घर भेजने की तैयारी की है। इसके लिए जिला प्रशासन से भी अनुमति मांगी जा रही है। इसी बीच आठ बच्चों ने घर जाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में जिलाधिकारी की अनुमति मिलने के बाद प्रबंधन ही उन्हें घर पहुंचाएगा।

बच्चों को बनबसा से लाने वाले पर ही नहीं गया किसी का ध्यान:
जिस शिक्षक ने आत्महत्या की वही एक दिन पहले तीन बच्चों को बनबसा से लेकर आए थे। शुक्रवार शाम को कुछ काम निपटाने के बाद शिक्षक भी रोज की तरह अपने कमरे में सोने चले गए। बताया जा रहा है कि अगले दिन सब कुछ सामान्य था, लेकिन शिक्षक कहीं नहीं दिखे। बावजूद इसके उनके ऊपर किसी का ध्यान नहीं गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने तब तक किसी को यह नहीं बताया था कि उनके पास दूसरा मोबाइल भी है। शिक्षक पर ध्यान न जाना अटपटा जरूर है, लेकिन पुलिस की मानें तो इसमें फिलहाल जांच का बिंदू नहीं बन रहा है।

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