पर्यटक वाहनों को परमिट के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
पर्यटक वाहनों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से ऑल इंडिया परमिट के नए नियम लागू कर दिए हैं। इन नियमों के तहत नए परमिट जारी होंगे, जबकि जो परमिट पहले से चल रहे हैं, उनकी वैधता भी बनी रहेगी।
यह नियम एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे। इस नियम के बाद टूरिस्ट ऑपरेटरों को परमिट के लिए आरटीओ दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उप परिवहन आयुक्त सुधांशु गर्ग के मुताबिक, नए नियमों के तहत ऑल इंडिया परमिट की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
ऑनलाइन आवेदन पर मिलेगा परमिट:
नए नियमों के मुताबिक, अब टूरिस्ट व्हीकल ऑपरेटर ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी ऑल इंडिया परमिट ले सकेंगे। आवेदन के अलावा सभी जरूरी कागजात और फीस भी ऑनलाइन जमा होगी। इस पूरी प्रक्रिया के बाद 30 दिन के अंदर परमिट जारी कर दिया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा है कि नए नियम लागू होने के बावजूद पहले से चल रहे परमिट अपनी वैधता अवधि तक लागू रहेंगे। नए नियमों को %अखिल भारतीय पर्यटक यान(प्राधिकार या परमिट) नियम-2021% नाम दिया गया है।
तीन महीने से तीन साल के लिए परमिट:
इस नियम में पर्यटक वाहन संचालकों को अवधि में राहत प्रदान की गई है। इसके तहत ऑपरेटर को तीन महीने और इसके गुणांक में परमिट दिया जाएगा। अधिकतम 3 साल की अवधि के लिए परमिट दिया जा सकेगा। कुछ क्षेत्रों में पर्यटन सीजन छोटा होने और कुछ ऑपरेटरों की वित्तीय स्थिति ज्यादा अच्छी न होने के कारण तीन महीने वाली व्यवस्था लागू की गई है। इसके अलावा सभी राज्यों की परमिट फीस का एक डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
यह होगा परमिट का शुल्क:
वाहन का प्रकार-प्राधिकार शुल्क-एसी परमिट-नोन एसी परमिट
नौ से कम सवारी वाहन- 500 रुपये-25000 रुपये-15000 रुपये
10-23 सवारी वाहन- 750 रुपये-75000 रुपये- 50000 रुपये
23 सवारी से अधिक-1000 रुपये-तीन लाख रुपये-दो लाख रुपये
इन वाहनों को जारी नहीं होगा परमिट:
नए नियमों के तहत दिल्ली-एनसीआर को छोड़कर बाकी प्रदेशों में ऐसे डीजल वाहन, जिनके पंजीकरण को 12 साल पूरे हो चुके होंगे, उन्हें परमिट जारी नहीं होंगे। दिल्ली-एनसीआर के लिए ऐसे डीजल वाहनों की अवधि दस वर्ष तय की गई है।