उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को लेकर हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं।
शुक्रवार को पहली बार 24 घंटे के अंदर 2402 नए संक्रमित मरीज आए हैं। वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या 13 हजार पार हो गई है। आज प्रदेश में 17 मरीजों की मौत हुई, जबकि 1080 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में अब तक कुल 1 लाख 18 हजार 646 संक्रमित मरीज आ चुके हैं, जिसमें से 100857 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं, देहरादून में आज मरीजों की संख्या एक हजार पार पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को 30542 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 1051 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 539, नैनीताल में 296, ऊधमसिंह नगर में 220, पौड़ी में 76, टिहरी में 39, रुद्रप्रयाग में 17, पिथौरागढ़ में 2, उत्तरकाशी में 14, अल्मोड़ा में 48, चमोली में 29 , बागेश्वर में 19 और चंपावत में 52 संक्रमित मिले। वहीं, कंटेंमेंट जोन की संख्या 74 पहुंच गई है।
प्रदेश में अब तक 1819 मरीजों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की तुलना में ठीक होने वालों की संख्या कम होने से सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। वर्तमान में 13546 सक्रिय मरीजों का उपचार किया जा रहा है।
नर्सिंग कॉलेज में तीन छात्राएं व एक स्टाफ कोरोना संक्रमित:
पौड़ी नर्सिंग कॉलेज में तीन छात्राएं व एक स्टाफ कोरोना संक्रमित मिला। संक्रमित एक छात्रा को मेडिकल कालेज श्रीनगर भेज दिया गया है, जबकि दो छात्राओं व एक स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया है।
प्रधानाचार्य मनीषा ध्यानी ने बताया कि कुछ दिनों पहले तीन छात्राओं का स्वास्थ्य खराब हो गया था, उन्हें मेडिकल कालेज श्रीनगर ले जाया गया जहां कोविड जांच में वह पॉजिटिव मिलीं। साथ ही एक स्टाफ भी संक्रमित मिला। छात्राओं व स्टाफ के संक्रमित मिलने पर 60 छात्र-छात्राओं व स्टाफ में शामिल 20 लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया है।
प्रदेश को मिली दो लाख टीके की डोज:
उत्तराखंड को केंद्र से नियमित रूप से कोविड टीके की आपूर्ति हो रही है। शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया पुणे से दो लाख टीके विमान से जौलीग्रांट पहुंचे। जबकि 90 हजार टीके शनिवार को और मिलेंगे। इससे प्रदेश के पास आने वाले लगभग 10 दिनों का स्टॉक उपलब्ध हो गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि प्रदेश में कोविड टीके की कमी जैसी कोई स्थिति नहीं है। केंद्र से नियमित रूप से टीके की आपूर्ति की जा रही है। शुक्रवार को सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से दो लाख टीके विमान से जौलीग्रांट पहुंचे। जहां से वैक्सीन को राज्य वैक्सीनेशन सेंटर लाया गया। प्रदेश के दूरस्थ जिलों को वैक्सीन भेज दी गई है। बाकी जिलों को शनिवार को टीके भेजे जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शुक्रवार को प्रदेश भर में 669 केंद्रों पर 48448 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। अब तक 12.85 लाख से अधिक लोगों को पहली और 2.25 लाख लोगों को दूसरी खुराक लगाई जा चुकी है।
जिला को भेजी गई वैक्सीन:
अल्मोड़ा 12000
बागेश्वर 8000
चमोली 11000
चंपावत 7000
देहरादून 43000
हरिद्वार 26400
नैनीताल 16500
पौड़ी 14500
पिथौरागढ़ 11000
रुद्रप्रयाग 5000
टिहरी 13100
ऊधमसिंह नगर 22500
उत्तरकाशी 10000
कुल- 200000
कुंभ मेला भवन की कैंटीन का कुक संक्रमित:
कुंभ मेला भवन की कैंटीन के रसोईयां समेत छह लोगों कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया। शुक्रवार को अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्रा के अलावा कोई भी बड़ा अधिकारी कार्यालय में नहीं पहुंचा।
मेला भवन भवन में बृहस्पतिवार को छह कोविड संक्रमित मिले थे। इनमें से एक कैंटिन का रसोईयां और अन्य पांच कर्मचारी शामिल थे। कैंटीन से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का चाय और नाश्ता आता है।
ऐसे में भी संक्रमण के बड़े स्तर पर फैलने की संभावना बनी हुई है। शुक्रवार को मेला अधिष्ठान में अधिकारियों के कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। मेलाधिकारी स्वास्थ्य डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं।
चीन सीमा पर तैनात जवानों लगाया कोरोना टीका:
पिथौरागढ़ जिले में भारत-चीन सीमा चौकी पर तैनात जवानों को 15 हजार फीट की ऊंचाई पर कोरोना टीका लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने नाबीढांग, गुंजी, कुटी, गर्ब्यांग चौकी पर तैनात हिमवीरों और एसएसबी के 166 जवानों को कोरोना का दूसरा टीका लगाया।
प्रतिरक्षण सहायक मोहित पंत के नेतृत्व में डॉ. दर्शन बेरी, वैक्सीन कोल्डमैन प्रबंधक पंकज बिष्ट, ईश्वरी दत्त जोशी, चंदन सिंह ने आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को कोरोना टीका लगाया।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को लमारी से छियालेख तक 15 किमी की पैदल यात्रा भी करनी पड़ी। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने मार्च के प्रथम सप्ताह में गुंजी, कुटी, कालापानी, गर्ब्यांग में 250 जवानों को कोरोना का पहला टीका लगाया था।