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अगर बढ़ जाए O2 तो क्या होगा

What will happen if O2 increases?


जब हम ये कहते हैं कि शुद्ध हवा में जब सांस लेते हैं तो ये शरीर के लिए ज्यादा बेहतर होती है तो हम सभी को ये लगता होगा कि इस हवा में ऑक्सीजन की मात्रा काफी बढ़ जाती होगी. ऐसा नहीं है. शुद्ध हवा में भी ऑक्सीजन की संख्या बहुत ज्यादा नहीं होती लेकिन इसकी मात्रा तय है. इससे ज्यादा मात्रा हवा में नाइट्रोजन की है.

हवा में ऑक्सीजन की मात्रा सौ फीसदी नहीं होती यहां तक 50 फीसदी भी नहीं बल्कि ये करीब 21फीसदी होती है. इसके बाद वायुमंडल में दूसरी सबसे प्रचुर मात्रा में जो गैस होती है, वो नाइट्रोजन होती है,ये वायुमंडल का करीब 78फीसदी हिस्सा बनाती है. वायुमंडल में मौजूद बाकी गैसें 1प्रतिशत से कम मात्रा में होती हैं.

ऑक्सीजन कहां सबसे ज्यादा होती है
ऑक्सीजन, पृथ्वी की पपड़ी में सबसे ज्यादा होती है. ये पृथ्वी की पपड़ी का लगभग 46.6 फीसदी हिस्सा होती है. समुद्री जल में ऑक्सीजन का अनुपात भार की दृष्टि से 89 फीसदी होता है.

ऑक्सीजन कैसी होती है
ऑक्सीजन, एक रंगहीन और गंधहीन डायटोमिक गैस है. यह एक ज्वलनशील गैस है. लकड़ी या कोई भी दहनशील वस्तु हवा की तुलना में शुद्ध ऑक्सीजन की उपस्थिति में अधिक तेजी से जलती है.

नाइट्रोजन ज्यादा होने पर असर क्यों नहीं पड़ता (Why is there no effect if there is excess nitrogen?)?


वायुमंडल में नाइट्रोजन ज्यादा है. ये गैस अत्यंत स्थिर मोलेक्यूल होती है, जिसका मतलब है कि यह अन्य मोलेक्यूलों के साथ आसानी से क्रिया नहीं करती. यह स्थिरता पृथ्वी पर जीवन के समर्थन के लिए एक आदर्श गैस बनाती है, ये हानिकारक गैसों के खिलाफ एक तरह का कवच भी तैयार करती है.

अगर वायुमंडल में ऑक्सीजन ज्यादा हो जाए तो क्या होगा (What will happen if there is more oxygen in the atmosphere)?


वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से कई तरह के बदलाव हो सकते हैं:
– आग की घटनाएं बढ़ जाएंगी.
– ऑक्सीजन टॉक्सिटी का खतरा बढ़ जाएगा.
– शरीर में न्यूट्रोफिल का स्तर बढ़ जाएगा.
– माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.
– ऑक्सीजन टॉक्सिटी के लक्षण:
– फुफ्फुसीय सीने में दर्द
– आंतरिक भारीपन
– खाँसी बढ़ जाएगी
– ट्रेकोब्रोनकाइटिस और अवशोषक एटेलेक्टैसिस के कारण सांस की तकलीफ
– ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से मीथेन वायुमंडल में कम होने लगती है. हालांकि, कार्बन डाइऑक्साइड कम नहीं होता.

ऑक्सीजन दोगुनी हुई तो क्या होगा? (What will happen if oxygen is doubled)?


विज्ञान के अनुसार, लगभग 30 करोड़ साल पहले जब धरती पर करीब 30 प्रतिशत ऑक्सीजन थी तब कीड़े-मकौड़ों का साइज काफी बड़ा हुआ करता था. ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने से जितने भी छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े, कोकरोच आदि हैं उनका आकार बड़ा हो जाएगा.

जैसा कि आपने हॉलीवुड मूवी में बड़े आकार के कीड़े मकौड़े देखें होंगे. ऐसा होने पर छोटे-छोटे मच्छरों का आकार छिपकली जितना, चूहें का आकर खरगोश जितना, खरगोश का आकार कुत्ते जितना और यहां तक कि एक चीटीं का आकार एक कबूतर के बराबर भी हो सकता है.

हालांकि, ऑक्सीजन बढ़ने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो जाएगा और कोई भी व्यक्ति ज्यादा एनर्जी महसूस करेगा और बीमारियां कम हो जाएंगी. लेकिन यह बहुत कम समय के लिए होगा, क्योंकि इसके साथ कुछ लॉन्ग टर्म बीमारियां भी इसके जो जीवन पर प्रभाव डाल सकती हैं. शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ने से ऑक्सीजन टॉक्सिटी का खतरा भी बढ़ जाएगा.

एवरेस्ट पर बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही चढ़ जायेंगे (Will climb Everest without oxygen cylinder)


वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ने से आग की घटनाएं बढ़ जाएंगी और जल्दी-जल्दी आग लगने के मामले सामने आने लगेंगे. माउंट एवरेस्ट की चोटी पर जाने के लिए आपको ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इतनी ऊंची चोटी पर पहुंचकर भी आप आसानी से ऑक्सीजन ले पाएंगे. कुल मिलाकर जैसा चल रहा है, वही सबसे बेहतर है. ऑक्सीजन की मात्रा कम या ज्यादा होने की स्थिति के परिणाम अलग ही होंगे.

जब हवा में प्रदूषण बढ़ता है तो शरीर ज्यादा ऑक्सीजन क्यों नहीं ले पाता (When pollution increases in the air, why is the body not able to take more oxygen)?


– दरअसल वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में कॉर्बन मोनोऑक्साइड शरीर तक कम ऑक्सीजन पहुंचने देता है. ऐसे में ऑक्सीजन संतृप्ति कम हो सकती है.
ऐसे में वायुमार्ग और फेफड़ों में सूजन आ जाती है. प्रतिरक्षा प्रणाली खराब हो सकती है. रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है.

ऑक्सीजन को लेकर कुछ और बातें (Some more things about oxygen)


– 2,000 लीटर ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हर 24 घंटे में जाती है।
– हमारे शरीर को 90% ऊर्जा ऑक्सीजन से प्राप्त होती है; केवल 10% भोजन और तरल पदार्थ से आती है
– ऑक्सीजन प्रत्येक कोशिका में मौजूद प्रोटीन, हीमोग्लोबिन (एचबी) से जुड़कर लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) पर पिग्गी-बैक सवारी करती है और शरीर के माध्यम से महत्वपूर्ण अंगों, मस्तिष्क, ऊतकों और कोशिकाओं तक पहुंचती है.
– आपके हृदय का बायां भाग आपके फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है और इसे आपकी धमनियों के माध्यम से आपके शरीर के बाकी हिस्सों में पंप करता है.

 

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admin

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