फिलिस्तीनियों से मिस्र को भी डर, (Egypt is also afraid of Palestinians)
Egypt is also afraid of Palestinians,
इजरायल और हमास के युद्ध के बीच अरब देश खुलकर फिलिस्तीनियों का समर्थन कर रहे हैं। वहीं जब बात गाजा के लोगों के पनाह देने की आती है तब वे दो टूक जवाब देकर अपनी सीमा खोलने से इनकार कर देते हैं। गाजा के लोग इस संकट के बीच शरण मांग रहे हैं लेकिन ना तो जॉर्डन उन्हें अपनाने को तैयार है और ना ही मिस्र। बता तें कि जॉर्डन में पहले से ही बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी रहते हैं। वहीं मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने कहा है कि इजरायल का हमला इसलिए भी है ताकि फिलिस्तीनी एजिप्ट चले जाएं। उन्होंने कहा कि इस युद्ध से क्षेत्रीय शांति भंग हो रही है।
किस बात से डर रहे दोनों देश (What are both countries afraid of)
जानकारों का कहना है कि जॉर्डन और मिस्र को डर है कि कहीं इजरायल फिलिस्तीनियों को गाजा से निकालने के लिए उन्हें परमानेंट माइग्रेट ना कर दे। अगर ऐसा होता है तो एजिप्ट के सिनाई में भी आतंकी संगठन पैदा हो सकते हैं जहां से वे इजरायल पर हमला करेंगे और 40 साल का शांति समझौता टूट जाएगा। मिस्र चाहता है कि इजरायल गाजा पर हमला रोक दे ताकि फिलिस्तीनी मिस्र में पनाह ना ढूंढें। वरना यह मिस्र के लिए बड़ा संकट बन सकता है। स्पष्ट बात यह है कि मिस्र उतना गाजा के लिए नहीं चिंतित है जितना खुद के लिए।
1948 में हुआ था माइग्रेशन (Migration took place in 1948)
कम से कम 60 लाख फिलिस्तीनी शरणार्थी वेस्ट बैंक, गाजा, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन में रहते हैं। 1948 में इजरायल बनने के बाद फिलिस्तीनी इन इलाकों में जाकर बसने लगे थे। उस वक्त इजरायल से करीब 7 लाख फिलिस्तीनी निकले और इसे नकबा के नाम से जाना जाता है। इजरायल ने उन्हें फिर वापस नहीं आने दिया। शांति समझौते के बावजूद इजरायल ने फिलिस्तीनियों को लौटने की इजाजत नहीं दी. उनका कहना था कि यहूदी बहुल देश में फिलिस्तीनी संकट खड़ा कर देंगे। मिस्र को डर है कि कहीं फिर से ऐसा ही ना हो। इधर गाजा के फिलिस्तीनी मिस्र पहुंचें और इजरायल फिर उन्हें गाजा में लौटने ही ना दे।
इजरायल ने साफ कर दिया है कि वह हमास का खात्मा कर देगा। अब डर यह भी है कि इजरायल एक बार फिर से गाजा पर कब्जा कर सकता है। इजरायल ने फिलिस्तीनियो को उत्तरी गाजा खाली करने की चेतावनी दी थी। एजिप्ट का कहना है कि आतंकियों के सफाए की बात करके इजरायल महीनों तक गाजा में हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि इजारयल ने साफ तौर पर गाजा के लिए कुछ नहीं कहा है।
सूडान के आंतरिक युद्ध से भी मिस्र में संकट (Crisis in Egypt due to Sudan’s internal war)
यूएन के मुताबिक मिस्र पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सूडान से भी तीन लाख लोग मिस्र पहुंच गए हैं। इसके साथ ही मिस्र में कम से कम 90 लाख शरणार्थी हैं। अरब देश और बहुत सारे फिलिस्तीनियों को डर है कि इजरायल फिलिस्तीनियों की मांग को एकदम खत्म करने के लिए गाजा से भी उन्हें भगाकर कब्जा करने वाला है। 1967 में भी इजरायल ने इसी तरह गाजा और येरुशलम पर कब्जा कर लिया था। कुल मिलाकर डर यही है कि अगर फिलिस्तीनियों को एक बार गाजा से निकाल दिया गया तो हो सकता है कि वे वापस ना लौट पाएं।