China Economy: चीन ने भी मान ली ये बात, आर्थिक हालात ठीक नहीं चल रहे
China also accepted this, economic situation is not going well
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के सामने आर्थिक चुनौतियाँ हाल ही में और अधिक गंभीर हो गई हैं। चीन की अर्थव्यवस्था शेयर बाजार से लेकर रियल एस्टेट बाजार तक एक ही समय में कई आयामों में समस्याओं का सामना कर रही है। इन आर्थिक चुनौतियों को अब सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी स्वीकार कर रही है।
एएफपी के मुताबिक, चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता लिउ जिलेयी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक चुनौतियों के बारे में बात की. चीन में एकदलीय प्रणाली है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने दशकों तक देश पर शासन किया है। चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस चीन की राजनीतिक सलाहकार संस्था है।
दो सत्रों वाला सम्मेलन आज से शुरू ( Two session conference starts from today)
सोमवार को जैसे ही चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की वार्षिक कांग्रेस शुरू हुई, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने आर्थिक चुनौतियों को स्वीकार किया। इस वार्षिक सम्मेलन को दो सत्र कहा जाता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की दो बैठकों से चीन की राजनीतिक और आर्थिक दिशा तय होगी. राजधानी बीजिंग में दो बैठकें होंगी, जिनमें देशभर से हजारों प्रतिनिधि शामिल होंगे.
ये आर्थिक मुद्दे हैं चिंता की बात ( These economic issues are a matter of concern)
सालाना कॉन्क्लेव से ठीक पहले रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीपीपीसीसी के प्रवक्ता ने कहा कि तमाम डेलिगेट के सामने आर्थिक मुद्दे चिंता के प्रमुख विषय रहेंगे. उन्होंने इस दौरान बढ़ती बेरोजगारी की बात भी स्वीकार की और कहा कि युवाओं के लिए रोजगार खास तौर पर फ्रेश ग्रेजुएट्स के लिए नौकरी चिंता की प्रमुख बात है. प्रवक्ता ने प्रॉपर्टी क्राइसिस को लेकर भी चिंता जाहिर की.
20 फीसदी के पार निकली बेरोजगारी ( Unemployment crossed 20 percent)
चीन के एकल पार्टी सिस्टम को अक्सर तानाशाही बताकर उसकी आलोचना की जाती है. इस तरह के आरोप लगातार लगते रहे हैं कि चीन की सरकार यानी सीसीपी अर्थव्यवस्था की बदहाली बताने वाले आंकड़ों को दबाती है. हालांकि अभी आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से भी चीन में युवाओं की बेरोजगारी करीब 15 फीसदी पर पहुंच गई है. उससे पहले एक समय बेरोजगारी दर 20 फीसदी के पार निकल गई थी और तब स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो ने बेरोजगारी के आंकड़े को पब्लिश करना ही बंद कर दिया था.
दशकों में सबसे कम रही ग्रोथ रेट ( Growth rate was lowest in decades)
पिछले साल चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 5.2 फीसदी रही. यह दशकों में चीन की सबसे कम जीडीपी ग्रोथ रेट है. जीडीपी ग्रोथ रेट में यह गिरावट ऐसे समय आई है, जब चीन में प्रॉपर्टी यानी रियल एस्टेट का संकट तेज हो गया है. चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शामिल एवरग्रांडे पिछले साल दिवालिया हो गई. चीन के शेयर बाजार को भी लगातार नुकसान हो रहा है और सरकार से समर्थन प्राप्त फंडों की लगातार लिवाली के बाद भी विदेशी निवेशकों को बिकवाली के असर को दूर करन संभव नहीं हो पाया है.