उत्तराखंड: कोरोना मरीजों की संख्या 37 हजार के पार हुई, 13 लोगो की हुई मौत…
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की रफ्तार थम नहीं रही है। बीते पांच दिनों से रोजाना एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। बृहस्पतिवार को 1192 नए संक्रमित मिले हैं। इसके बाद अब कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 37139 हो गई है। वहीं, सक्रिय मरीजों की संख्या भी 11714 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, आज 10887 सैंपल निगेटिव पाए गए हैं। देहरादून में सबसे अधिक 430 कोरोना मरीज मिले हैं। नैनीताल में 203, हरिद्वार में 149, ऊधमसिंह नगर में 117, चमोली में 67, पौड़ी में 52,पिथौरागढ़ में 49, उत्तरकाशी में 39, अल्मोड़ा में 30, टिहरी में 19, रुद्रप्रयाग में 15, बागेश्वर में 13, चंपावत जिले में नौ लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं।
वहीं, प्रदेश में 24 घंटे के अंदर 13 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इसमें एम्स ऋषिकेश में आठ, दून मेडिकल कॉलेज में एक, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में एक, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में दो, बेस अस्पताल श्रीनगर में एक संक्रमित ने दमतोड़ा है। वहीं, 533 मरीजों को इलाज के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिला कर अब तक 24810 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
शनिवार और रविवार को बाजार बंद रखेंगे व्यापारी
देहरादून के व्यापारी शनिवार और रविवार को बाजार बंद रखेंगे। मेयर गामा से बातचीत करते हुए व्यापारियों ने ये फैसला लिया है। बृहस्पतिवार को शहर के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने मेयर गामा के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि शहर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शहर में आए दिन कहीं न कहीं से लोगों के संक्रमित होने और मरने की खबरें आ रही हैं। व्यापारी नेताओं ने कहा कि कोरोना के कारण इन दिनों बाजार में ग्राहक भी बेहद कम है। इसलिए शनिवार और रविवार को वह अपनी दुकानें बंद रखेंगे।
इस पर मेयर गामा ने कहा कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए इस तरह के लॉकडाउन बेहद जरूरी हैं। दो दिन बाजार बंद रहने के दौरान निगम के सभी 100 वार्डों में सैनिटाइजेशन का विशेष अभियान चलाया जाएगा। मुलाकात करने वालों में व्यापारी नेता अनिल गोयल, सुनील मेसोन, सिद्धार्थ अग्रवाल समेत अन्य शामिल रहे।
छह घंटे बाद संक्रमित को लेने बॉर्डर पहुंची एंबुलेंस
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य सेवाओं की पोल भी खुलने लगी है। कहीं आदेश के बाद भी लोगों के टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं तो कहीं रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज को भर्ती होने में परेशानी आ रही है।
बृहस्पतिवार को नारसन बॉर्डर पर एक युवक की रिपोर्ट सुबह करीब दस बजे पॉजिटिव आई, लेकिन अस्पताल जाने के लिए उसे छह घंटे वहीं बैठकर एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा। शाम करीब चार बजे एंबुलेंस बॉर्डर पहुंची और मरीज को अस्पताल पहुंचाया।
नारसन बॉर्डर से बृहस्पतिवार को करीब पांच हजार लोगों ने उत्तराखंड में एंट्री की। सुबह करीब दस बजे राजस्थान में माइनिंग कंपनी में काम करने वाले टिहरी क्षेत्र निवासी एक युवक ने कोरोना टेस्ट कराया। कुछ देर बाद आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव निकला। इससे वहां मौजूद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लोगों में खलबली मच गई।
युवक को अलग बैठा दिया गया और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बताया कि कुछ देर में एंबुलेंस उसे लेने आएगी, लेकिन लंबे इंतजार के बाद शाम चार बजे एंबुलेंस पहुंची। वहीं, नासरन बॉर्डर पर करीब पांच हजार लोगों ने एंट्री कराई। सभी के रजिस्ट्रेशन चेक करने और रजिस्टर में दर्ज करने के बाद प्रवेश दिया गया।
सभी जगहों के लिए स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। ऐसे में नारसन बॉर्डर की जिम्मेदारी देख रही टीम को एंबुलेंस की व्यवस्था करनी थी। फिर भी सूचना के बाद एंबुलेंस भेज दी गई। सिविल अस्पताल के पास दो एंबुलेंस है। इनमें से एक देहरादून गई थी जबकि दूसरी रुड़की में ही एक मरीज को लेने गई थी। मरीज को छोड़ने के बाद उसे बॉर्डर पर भेजा गया।
-डॉ. संजय कंसल, सीएमएस, सिविल अस्पताल रुड़की