कोरोना की वैक्सीन भी पोलियो या अन्य वैक्सीन की तरह दो से आठ डिग्री तापमान में रखी जाएगी।
केंद्र सरकार से यह जानकारी आने के बाद स्वास्थ्य महकमे ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इस वैक्सीन की कोल्ड चेन को मजबूत करने के लिए केंद्र से संबंधित सामानों की मांग भी की गई है।
उत्तराखंड में अब कोरोना वैक्सीन को पहाड़ के दूरदराज के इलाकों तक पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन ही सबसे बड़ी चुनौती है। इस मुश्किल से निपटने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
देहरादून से लेकर पिथौरागढ़ तक वैक्सीन के पहुंचने की पूरी प्रक्रिया की जांच पड़ताल करने के बाद सभी खामियों को पहचानकर दूर किया जा रहा है।
वैक्सीन पहुंचाने के लिए विशेष योजना:
कोरोना वैक्सीन की कोल्ड चेन को बनाए रखना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं है। दो से आठ डिग्री तापमान के बीच इस्तेमाल योग्य रहने वाली इस वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने केंद्र से लाइन रेफ्रीजरेटर, वॉक इन फ्रीजर, वॉक इन कूलर, वैक्सीन कैरियर, बैग आदि की डिमांड भेज दी है, ताकि कहीं भी किसी तरह की परेशानी न हो।
नोडल अफसर डॉ. कुलदीप मर्तोलिया ने बताया कि वैक्सीन की कोल्ड चेन को पहाड़ों में बनाए रखना आसान होगा, जबकि मैदानी इलाकों के लिए भी तैयारियां पूरी की जा रही हैं।
कोरोना वैक्सीन आने के बाद इसे उत्तराखंड के हर जिले तक पहुंचाने के लिए भी विशेष योजना बनाई जा रही है। पहले चरण में वैक्सीन की जरूरत, उसकी आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए कोल्ड चेन के साथ वैक्सीन को पहुंचाने वाले वाहनों पर भी मंथन किया जा रहा है।
वैक्सीन अब कुछ ही दिन दूर है, लिहाजा राज्य सरकार ने भी तैयारियां और तेज करने के निर्देश दिए हैं।