देहरादून में कौवों की मौत से हड़कंप।
देश के विभिन्न राज्यों में फैली बर्ड फ्लू बीमारी के बीच राजधानी देहरादून के विभिन्न इलाकों में कौवों की मौतों का सिलसिला जारी है। दो दिन पूर्व एसएसपी कार्यालय परिसर में दो कौवों की मौत के बाद गुरुवार को राजधानी के लक्खीबाग, मोहिनी रोड, पटेलनगर, आईटी पार्क चुक्खूवाला में तीन मृत और दो कौवे बेहोशी की हालत में मिले।
इससे लोगों में हड़कंप मच गया। लोग कौवों की मौत को बर्ड फ्लू से जोड़ देखकर रहे हैं। हालांकि, सही स्थिति जांच के बाद ही पता चल पाएगी। उधर, मृत कौवों की जांच को लेकर वन विभाग और पशुपालन विभाग में विवाद की स्थिति है। दोनों विभाग जांच का जिम्मा एक-दूसरे पर डाल रहे हैं।
प्रभागीय वन अधिकारी राजीव धीमान का कहना है कि कौवों की मौत के बाद उनके परीक्षण कराने की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग के अधिकारियों की है। वहीं, चीफ वेटरनरी अफसर डॉ. एसबी पांडे का कहना है कि कौवा, तोता जैसे जंगली पक्षियों की मौत के बाद जांच की जिम्मेदारी वन विभाग की है।
मुर्गी, बतख जैसे पालतू पक्षियों के मामले में जिम्मेदारी पशुपालन विभाग की होती है। हालांकि प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान का कहना है कि पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर काम किया जा रहा है। कौवों की मौत की सूचना पर रेस्क्यू टीम को भेजकर जानकारी जुटाई जा रही है।
बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं: धीमान
प्रभागीय वनाधिकारी राजीव धीमान का कहना है कि मृत कौवों की हालत देखकर नहीं लगता है कि उनकी मौत बर्ड फ्लू से हुई है। कौवों की गर्दन ऐंठने जैसे कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। ऐसे में लोगों को बर्ड फ्लू बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
गाइडलाइन के मुताबिक की जा रही निगरानी:
सीवीओ डा. एसबी पांडे का कहना है कि बर्ड फ्लू को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एहतियाती कदम उठाए गए हैं। जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। पक्षियों के मरने की सूचना पर टीम को मौके पर भेजकर जानकारी जुटाई जाती है। बर्ड फ्लू की आशंका होने पर मृत पक्षियों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
जिले के पोल्ट्री फार्म पर पैनी नजर:
डा. एसबी पांडे ने बताया कि जिले के सभी पोल्ट्री फॉर्म में साढ़े पांच लाख से अधिक मुर्गियों पर नजर रखी जा रही है। अभी तक मुर्गियों की मौत की सूचना नहीं मिली है। फॉर्म संचालकों को बर्ड फ्लू का शक होने पर तुरंत सूचना देने की हिदायत दी गई है।
दून के पोल्ट्री फार्म खाली होने लगे:
देश के कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि उत्तराखंड में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई केस सामने नहीं आया है। इसके बावजूद नुकसान से बचने के लिए पोल्ट्री संचालकों ने सस्ते में अपने बॉयलर मुर्गों को बेचना शुरू कर दिया है। इसके चलते दून के पोल्ट्री फार्म खाली होने लगे हैं। बर्ड फ्लू के डर का असर अंडे के दामों पर भी पड़ा है।
शेरपूर गांव में पोल्ट्री फार्म चलाने वाले शुभम ने बताया कि हर साल बर्ड फ्लू की वजह से हजारों रुपये का नुकसान होता है। ऐसे में इस बार सस्ते में अपने सभी बॉलयर मुर्गों को बेच दिया है। बर्ड फ्लू की खबर से अंडे के दामों में भी 20 से 30 रुपये की गिरावट आई है। सहसपुर निवासी गुलफाम ने भी अपने बॉयलर मुर्गों को सस्ते में बेच दिया है।
गुलफाम ने बताया कि बर्ड फ्लू से बॉयलर को बचाने के लिए उन्होंने कुछ दिन पहले अपने पोल्ट्री फार्म का तापमान बढ़ाया था। इसके लिए पोल्ट्री फार्म में अतिरिक्त लाइटे लगाने के साथ अंगीठी भी जलानी शुरू की थी।
हालांकि बर्ड फ्लू की दस्तक दून पहुंचने से पहले ही मुर्गों को सस्ते दामों में बेच दिया है। पलटन बाजार के बॉबी चिकन सेंटर में काम कर रहे कर्मचारी ने बताया कि अभी चिकन के दामों में कोई खास असर नहीं पड़ा है।
‘पक्षियों में तेज गति से फैलता है बर्ड फ्लू’:
इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ने बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस ज्वालापुर हरिद्वार में बर्ड फ्लू को लेकर मेडिकल संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. केपीएस चौहान ने बताया कि बर्ड फ्लू पक्षियों में बहुत तीव्र गति से फैलने वाला एक विशेष प्रकार का संक्रमण है।
इससे पक्षियों की तत्काल मौत हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस संक्रामक के मनुष्य में आने की भी बड़ी संभावना बनी रहती है। इसलिए लोगों को पक्षियों का मांस व अंडों के सेवन से बचना चाहिए। कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी की वाइरुनिल और इम्यून अप मेडिसिन से काफी आराम मिलता है।
संगोष्ठी में लक्ष्मी कुशवाहा, हिना कुशवाहा, शमा परवीन, मंजूला, गीता सिंह, नीलम, साहिल कश्यप, बीबी कुमार, एमटी अंसारी, अमरपाल सिंह, संजय मेहता, विक्रम सिंह, गुलाम साबिर, अशोक कुमार, राकेश कुमार, सुनील कुमार, रमेश चंद्र, नरेंद्र कुमार आदि चिकित्सक उपस्थित रहे।