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भूविज्ञानी व पर्यावरणविदों से मिले राहुल गांधी, कार्यकर्ताओं से कहा- प्रभावितों की सहायता करें

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पर्यावरणविद् डा. शेखर पाठक, प्रोफेसर बीएस बुटोला और प्रो. प्रकाश उपाध्याय से मुलाकात कर जोशीमठ आपदा पर चर्चा की।
उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से भी इस मसले पर बात की और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आपदाग्रस्त क्षेत्र में प्रभावितों की हरसंभव सहायता करें।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण आई आपदा पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि प्रभावितों का तत्काल पुनर्वास सुनिश्चित करने के साथ ही इस ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल जोशीमठ नगर को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ की वर्तमान स्थिति की तस्वीरें काफी भयभीत करने वाली हैं। जोशी ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे भू वैज्ञानियों एवं पर्यावरणविदों ने भी जोशीमठ आपदा मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्हें जानमाल एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए सुझाव देते हुए कहा कि जोशीमठ क्षेत्र में बड़े निर्माण कार्य एवं सुरंग खोदने का काम तुरंत बंद होना चाहिए।

जोशीमठ में हुए भूधंसाव की 12 एजेंसियां कर रही जांच:
बदरीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि जोशीमठ में हुए भूधंसाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार तेजी से काम कर रही है।
देश की प्रतिष्ठित 12 एजेंसियां जोशीमठ में हुए भूधंसाव की जांच कर सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इस संबध में भ्रामक जानकारी जनता के बीच न पहुंचे इसके लिए सरकार नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में चार सौ से अधिक भूधंसाव वाले क्षेत्र हैं। इनका भी सर्वे कर प्रभावितों को हर सभव मदद दी जाएगी।
रविवार को कर्णप्रयाग से जोशीमठ जाते हुए अजेंद्र अजय ने स्थानीय लाज में भाजपा कार्यकर्त्ताओं से जोशीमठ भूस्खलित क्षेत्र की जानकारी साझा करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने जोशीमठ मामले पर तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई की है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह भी लगातार जोशीमठ पर नजर रखते हुए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं। आपदा से संबंधित जानकारी पर पीएमओ स्तर पर नजर रखी जा रही है।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ में रात्रि निवास कर घर-घर प्रभावितों से मुलाकात कर मदद का आश्वासन दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार जोशीमठ सहित अन्य भूधंसाव वाले क्षेत्रों में प्रभावितों के विस्थापन, पुनर्वास सहित अन्य कामों के लिए विस्तृत पैकेज तैयार कर रही है।
जोशीमठ हिमालय क्षेत्र का द्वार होने के साथ ही भगवान बदरीनाथ के प्रवेश सीमा का महत्वपूर्ण धार्मिक नगर है। यहां की धार्मिक सनातनी संस्कृति विश्वस्तर पर विख्यात है। इससे पूर्व बदरीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का यहां पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने स्वागत किया। इस मौके पर कार्यकर्त्ताओं ने कर्णप्रयाग में भूस्खलित क्षेत्र की भी जानकारी दी। इस दौरान महिपाल नेगी, धीरेंद्र भंडारी, सुभाष चमोली, लक्ष्मी जोशी सहित अन्य कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

जोशीमठ पर रिपोर्ट आने तक पूर्वानुमान गैरजरूरी: भट्ट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जोशीमठ को लेकर सभी राजनीतिक दलों व समाजिक पक्षों से अंतिम रिपोर्ट आने तक पूर्वानुमान व नकारात्मक टिप्पणियों से बचने को कहा है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों की समस्याओं व जोाशीमठ शहर में भूधंसाव के समाधान को लेकर सभी प्रतिबद्ध है। ऐसे में शहर के अस्तित्व पर संकट जैसी गैरजरूरी चर्चा पर्यटन प्रदेश की छवि के लिए नुकसानदायक हो सकती है। उन्होंने सभी दलों से प्रभावितों की सहायता के लिए आगे आने की अपील भी की है।
रविवार को एक बयान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब से भूधंसाव की आपदा सामने आई है, तब से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निगरानी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रशासनिक तंत्र दो मोर्चों पर युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। सरकार ने प्रभावितों की तत्काल मदद को आर्थिक सहायता दी है। वहीं देश की विशेषज्ञ एजेंसियां प्रभावित क्षेत्रों में गहन सर्वेक्षण कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर का एक-चौथाई हिस्सा भूधंसाव से प्रभावित है। यह छवि बनाई जा रही है कि जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है। इस तरह की जानकारी साझा करने से न केवल प्रभावित, बल्कि देश भर के नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।

उन्होंने कहा कि जैसे ही विशेषज्ञ एजेंसियों की संयुक्त रिपोर्ट का निष्कर्ष सामने आएगा, प्रदेश सरकार बिना समय गंवाए इसके समाधान में जुट जाएगी। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे प्रभावितों की मदद को आगे आएं लेकिन अपनी प्रतिक्रिया के माध्यम से पहाड़ों में भ्रमण को आ रहे पर्यटकों में खौफ न फैलाएं।

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