यह मुस्लिम परिवार 4 पीढ़ियों से बना रहा रावण के पुतले,
This Muslim family has been making effigies of Ravana for 4 generations.
देश के कोने-कोने में दशहरा की तैयारियां जोरों पर हैं. लेकिन इन सभी में रामपुर से आ रही ये तस्वीर अपने आप में खास है. दशहरा पर्व के मौके पर यहां गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिल रही हैं. रामपुर में एक मुस्लिम परिवार 4 पीढ़ियों से दशहरे पर रावण का पुतला तैयार कर रहा है. इस परिवार के बनाए गए रावण के पुतले इतने आकर्षक होते हैं कि उनकी मांग देश के प्रत्येक कोने में होती है. पूरा परिवार आज के समय में भी इसी काम को करता है.
अब्दुल रहमान ने बताया कि वे 25 वर्षों से रावण के पुतले बनाते आ रहे हैं यह उनका खानदानी काम भी है. उन्हें हर वर्ष दशहरा मनाने में बहुत प्रसन्नता होती है. अब्दुल का कहना है कि उनका‘हिंदू-मुस्लिम से कोई मतलब नहीं यहां हम भाईचारे से रहते हैं और एक पुतले पर तकरीबन 6 हजार रुपये की बचत हो जाती है. आठ से दस दिनों की मेहनत के बाद एक पुतला बनकर तैयार होता है. अब्दुल ने बताया कि तीन माह में लगभग 35 पुतले इनके यहां बनकर तैयार हो जाते है.
मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से बना रहा रावण का पुतला (Muslim family has been making effigy of Ravana for generations)
यह मुस्लिम परिवार रामपुर ही नहीं बल्कि कई जिलों के लिए पुतले तैयार करता है. रामपुर के अलावा मुरादाबाद, काशीपुर और उत्तराखंड अन्य शहरों में इनके बने हुए पुतले जाते हैं. रावण दहन कार्यक्रम को देखने हजारों लोगों की भीड़ भी उमड़ती है लेकिन यह बहुत कम लोगों को पता है कि कई दशकों से रावण के पुतलों का निर्माण मुस्लिम परिवार के सदस्य करते आ रहे हैं.
कैसे तैयार करते हैं पुतले (How to prepare mannequins)
पुतला बनाने के लिए पहले बांस और बल्लियों से ढांचा तैयार किया जाता है. जिसके बाद पुतलें में तैयार करने के लिए रंग बिरंगे कागज, रस्सी, पटाखे, लकड़ी की स्केल, कलर, फेवीक्विक इत्यादि चीजों की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि इन पुतलों को बनाने में काफी मेहनत लगती है. इसमें हमारा पूरा परिवार काम करता है. इसलिए पूरी लगन और मेहनत के साथ हम यह पुतले तैयार करते आ रहे हैं.