PM मोदी के संकेतों को धामी ने समझा और आचरण में ढाला, चार साल के कार्यकाल में लिए कई अहम निर्णय

प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुख्यमंत्री के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस अवधि में धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकेतों को समझा भी और उसे अपने आचरण का हिस्सा भी बनाया। प्रधानमंत्री ने भी धामी सरकार की पीठ थपथपाकर अच्छे कार्यों को सराहा। साथ ही हर संभव सहायता देकर प्रदेश के विकास की राह तैयार की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पद संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव थी। कारण यह कि राज्य गठन के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उनमें कोई भी सत्तारुढ़ दल लगातार दूसरी बार जीत नहीं दर्ज कर पाया था। प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मुख्यमंत्री के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस अवधि में धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकेतों को समझा भी और उसे अपने आचरण का हिस्सा भी बनाया। प्रधानमंत्री ने भी धामी सरकार की पीठ थपथपाकर अच्छे कार्यों को सराहा। साथ ही हर संभव सहायता देकर प्रदेश के विकास की राह तैयार की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने पद संभालने के बाद सबसे बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव थी। कारण यह कि राज्य गठन के बाद जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, उनमें कोई भी सत्तारुढ़ दल लगातार दूसरी बार जीत नहीं दर्ज कर पाया था। धामी प्रदेशभर में सक्रिय रहे और हर क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया। सिलक्यारा टनल प्रकरण में उनकी सक्रियता और केंद्र के सहयोग का ही नतीजा रहा है कि यह आपरेशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन से भी प्रदेश की अलग पहचान बनीं। अब अपने चार साल का कार्यकाल पूरा कर वह भाजपा की सरकारों में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं।