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सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 12 हजार के पार हुआ।



प्रदेश में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 12 हजार के पार हो गया है। इससे सरकारी अस्पतालों में संक्रमितों के इलाज का दबाव बढ़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों के बढ़ने से ऑक्सीजन बेड की मांग भी बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। कोरोना संक्रमित मामलों को देेखते हुए ऑक्सीजन बेड की क्षमता बढ़ाई जा रही है। ताकि जरूरत पड़ने पर मरीजों को ऑक्सीजन मिल सके।

राज्य में कोरोना संक्रमित मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही अस्पतालों में उपचार के लिए सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ रही है। संक्रमितों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में ऑक्सीजन बेड की ज्यादा मांग है। हालांकि वर्तमान में सरकार ने सरकारी और निजी अस्पतालों में तीन हजार से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की है। संक्रमितों के इलाज के लिए चार जिले देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी व हरिद्वार में पांच-पांच सौ ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जा रहे हैं। इन जिलों में मरीज अस्पतालों में भर्ती है।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि प्रदेश कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था है। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। संक्रमित मामलों को देखते हुए प्रदेश में अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है।

 

वर्तमान में ये है व्यवस्था:

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 481 आईसीयू बेड, 543 वेंटीलेटर, 1846 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड, 30500 आइसोलेशन बेड हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों को मिला कर प्रदेश में तीन हजार से अधिक ऑक्सीजन बेड वर्तमान में उपलब्ध है। कोरोना मरीजों के लिए 418 कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं।

 

हरिद्वार के अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन, सप्लाई की नहीं है कोई समस्या :

कोरोना काल में अस्पतालों में ऑक्सीजन की खपत पहले से बढ़ गई हैं। इससे कुछ स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी होने की जानकारी मिल रही हैं, लेकिन हरिद्वार के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों के साथ इमरजेंसी के लिए सिलेंडर भी हैं। कोविड मेला अस्पताल में 25, जिला में 15 और महिला अस्पताल में 10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगे हुए हैं।

अस्पतालों में मरीजों को प्रयुक्त होने वाली ऑक्सीजन के रेट महंगे हो गए हैं। कुछ क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होने की बातें सामने आ रही हैं, लेकिन हरिद्वार जनपद में ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई हो रही है। कोविड मेला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि तीनों अस्पतालों में करीब 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन लगी हुई है।

यह कंसंट्रेटर मशीन वायुमंडल से प्रति मिनट पांच लीटर हवा लेकर एक लीटर मेडिकल ऑक्सीजन तैयार कर मरीजों की जिंदगी महफूज करती है। एक मशीन से एक साथ दो मरीजों को ऑक्सीजन दी जा सकती है। इनका ऑपरेशन थिएटर, एसएनसीयू, लेबररूम व इमरजेंसी कक्ष व वार्डो में सिलेंडर की अपेक्षा इस मशीन से बनने वाली ऑक्सीजन का प्रयोग होता है। डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि कंसंट्रेटर के अलावा 30 जम्मू सिलेंडर सुरक्षित रखे हुए हैं।

 

बढ़ गए सिलेंडर के रेट :

कोरोना शुरू होने से पहले 110 क्यूबिक मीटर प्रेशर ऑक्सीजन सिलेंडर का रेट 200 रुपये थे। मेट्रो हॉस्पिटल के सीईओ संदीप वैष्णव ने बताया कि सप्लायर नई रेट लिस्ट के अनुसार 250 रुपये कर दिया है। न्यू हरिद्वार स्थित मातृछाया मेडिकल केयर के संचालक डॉक्टर अंजुल श्रीमाली ने बताया कि उनके अस्पताल में अब 400 रुपये में 110 क्यूबिक मीटर प्रेशर ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किया जा रहा है। उनका कहना है कि सप्लायर ने गैस उत्पादन की कमी होने की बात बताई है।
रुड़की में नहीं अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी:
रुड़की सिविल अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि सिविल अस्पताल में रुड़की और देहात क्षेत्र की लाखों की आबादी की जिम्मेदारी है। सिविल अस्पताल में रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं। इनमें से कई ऐसे मरीज हैं, जो गंभीर होते हैं। ऐसे में सिविल अस्पताल की ओर से गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है।

जबकि रुड़की के विनय विशाल नर्सिंग होम और आरोग्यम अस्पताल में ही वेंटिलेटर की व्यवस्था है। ऐसे में इन दो अस्पतालों ही आननफानन में गंभीर मरीजों को भर्ती कराया जाता है। चिकित्सकों का दावा है कि जरुरत के अनुसार ऑक्सीजन उपलब्ध है। सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं होने पर लोगों को अपने गंभीर मरीज को निजी अस्पताल या फिर बाहर ले जाने पर विवश होना पड़ता है।

कई बार स्थिति यह हो जाती है कि समय पर उपचार नहीं मिलने पर गंभीर मरीज की मौत हो जाती है।  वेंटीलेटर नहीं होने के कारण रुड़की के अस्पतालों में ऑक्सीजन की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती।  चिकित्सा अधीक्षक डा. संजय कंसल का दावा है कि आवश्यकता के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध है। डा. विनय गुप्ता ने भी ऑक्सीजन की उपलब्धता का दावा किया।

 

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की आपूर्ति सामान्य:

राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सामान्य है। यहां ऑक्सीजन प्लांट है, जिससे 135 बेड के कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। इसके अलावा यहां ऑक्सीजन के 80 जंबो सिलेंडर समेत 180 सिलेंडर उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेज के पीआरओ अरुण बडोनी के अनुसार कोविड अस्पताल के भूतल एवं प्रथम तल में ऑक्सीजन पाइप लाइन की फिटिंग हो चुकी है। द्वितीय तल पर कार्य चल रहा है।

 

जंबो सिलिंडर से उपलब्ध कराई जा रही ऑक्सीजन:

कोरोना संक्रमितों के उपचार के लिए टिहरी जिले में दो कोविड केयर सेंटर बनाए गए है। कोटी कालोनी और मुनिकीरेती में। इसके अलावा नरेंद्रनगर में 200 बैड का कोविड केयर अस्पताल है। नरेंद्रनगर कोविड अस्पताल में दो सौ ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है।

वर्तमान में वहां पर ऑक्सीजन जनरेट प्लांट लगाने की प्रक्रिया गतिमान है। कोविड केयर सेंटर मुनिकीरेती में 6 और कोटी कालोनी कोविड केयर सेंटर में 4 जंबो ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है। कोटी कालोनी कोविड सेंटर में 10 और मुनिकीरेती में 15 ऑक्सीजन कंसट्रेटर मशीनें उपलब्ध है, जो बिजली से चलती है। कोविड केयर सेंटरों में 513 लोगों का उपचार चल रहा है। एसीएमओ डा. एलडी सेमवाल ने बताया कि कोविड केयर सेंटरों और अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

 

कोविड सेंटर में पाइप लाइन से होगी ऑक्सीजन सप्लाई :

चमोली जिले के कोविड सेंटर में मौजूदा समय में 100 ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था है। आगामी दिनों में कोविड सेंटर में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई होगी। इस पर कार्य चल रहा है। सीएमओ डा. गुमान सिंह राणा ने बताया कि अक्तूबर माह से जिला अस्पताल में बने कोविड सेंटर में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारु हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी तक कोविड सेंटर में करीब एक सौ ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, जो पर्याप्त हैं। कहा कि अभी तक जिले में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज को वेंटिलेटर की जरुरत नहीं पड़ी है।

 

कोविड केयर सेंटरों में है ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था :

तीर्थनगरी ऋषिकेश में ऋषिलोक कोविड़ सेंटर मुनिकीरेती में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था है। फकोट ब्लॉक के स्वास्थ्य चिकित्सा प्रभारी डा. जगदीश जोशी ने बताया कि ऋषिलोक कोविड सेंटर में करीब 150 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। यहां पर मरीजों को अभी तक ऑक्सीजन से संबंधित कोई परेशानी नहीं हुई है।

हरिद्वार-श्यामपुर बाईपास रोड स्थित भारतभूमि कोविड केयर सेंटर में भी कोरोना मरीजों के लिए 25 ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था जुटाई गई है। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के सीएमएस डा. एनएस तोमर ने बताया कि भारत भूमि कोविड़ केयर सेंटर में उनके पास ऑक्सीजन की पूरी व्यवस्था है। कोविड केयर सेंटर में जिस मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू होता है, हम लोग उसे पहले ही एम्स या फिर हायर सेंटर देहरादून रेफर कर देते हैं।

एम्स के मीडिया प्रभारी हरीश थपलियाल ने बताया कि एम्स में बड़े-बड़े टैंकरों से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है। एम्स में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीन की पूरी व्यवस्था है। एम्स में कुछ दिनों से ऑक्सीजन की खपत ज्यादा बढ़ गई है।
एसटीएच में एक दिन में हो रही पांच सौ आक्सीजन सिलिंडर की खपत
हल्द्वानी में  सुशीला तिवारी अस्पताल में आक्सीजन सिलिंडर की कोई कमी नहीं है। स्टॉक में पांच सौ आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। यहां एक दिन में साढ़े चार से पांच सौ आक्सीजन सिलिंडर की खपत होती है।

एसटीएच को मार्च से कोविड 19 अस्पताल बनाया गया है और तबसे यहां लगातार कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं। एसटीएच में अभी 248 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं। एक दिन में एसटीएच में साढ़े चार सौ से पांच सौ आक्सीजन सिलिंडर की खपत होती है। आक्सीजन सिलिंडरों की खपत सुबह आठ बजे से अगले दिन सुबह आठ बजे के हिसाब से जोड़ी जाती है।

एसटीएच के एमएस डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि कोरोना के गंभीर 82 मरीजों को हाईफ्लो आक्सीजन पर रखा गया है। गंभीर मरीजों के इलाज की पूरी अवधि में ढाई से तीन हजार रुपये की आक्सीजन लग जाती है। पांच सौ आक्सीजन सिलिंडर रिजर्व में रहते हैं।

 

पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर:

नैनीताल में प्रशासन की ओर से क्वारंटाइन सेंटरों में ऑक्सीजन के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने नगर में दो क्वारंटाइन सेंटर और तीन कोविड केयर सेंटर बनाए है। बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस धामी के अनुसार सभी क्वारंटाइन सेंटर और कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। यहां तक कि संक्रमित मरीज को जिस एंबुलेंस में रेफर किया जा रहा है उसमें भी ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।

 

ऊधम सिंह नगर में 120 लीटर ऑक्सीजन की प्रतिदिन जरूरत:

कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर स्वास्थ्य विभाग जिले में सर्तक है। कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जरूरत के हिसाब से सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडरों की की व्यवस्था की जा रही है। जिले में स्वास्थ्य विभाग को रुद्रपुर स्थित एक निजी ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है।

दो दिन पहले ही जिला अस्पताल को स्वास्थ्य महानिदेशक देहरादून कार्यालय से ऑक्सीजन के 40 सिलिंडर प्राप्त हुए हैं। जिला अस्पताल के आइसोलेशन प्रभारी डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जिले में ऑक्सीजन सिलिंडरों की कमी नहीं है। एक माह पहले प्रतिदिन औसतन 150 लीटर ऑक्सीजन की खपत हो रही थी। वर्तमान में 120 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। कोरोना महामारी देखते हुए कोविड अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन के सिलिंडर मौजूद हैं।

 

काशीपुर के अस्पतालों में नहीं है ऑक्सीजन की कमी:

कोविड केयर सेंटरों में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था है। स्वास्थ्य बिगड़ने पर मरीज को ऑक्सीजन लगाकर हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। कोरोना नोडल अधिकारी डॉ. अमरजीत सिंह साहनी ने बताया कि बाजपुर और रामनगर रोड पर दो कोविड केयर सेंटर बनाए गए है।

जहां पर कोरोना पॉजिटिव के स्पर्शोन्मुख (एसिम्टोमैटिक ) मरीजों को रखा जाता है। दोनों सेंटरों में करीब 100 मरीज हैं। दोनों में छह बड़े ऑक्सीजन के सिलिंडर रखे गए हैं। मरीज की अचानक स्थिति बिगड़ने पर उसे ऑक्सीजन के माध्यम से हायर सेंटर रेफर किया जाए सके। गंभीर मरीज यहां नहीं रखे जाते हैं। सीएमएस डॉ. पीके सिन्हा ने बताया कि सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्डों, आपातकालीन कक्ष और ऑपरेशन थियेटर में भी ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

 

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