पिछले तीन महीनो में बायोमेडिकल वेस्ट तीन गुना बढ़ा।



कोरोना संक्रमण के साथ ही प्रदेश में बायोमेडिकल वेस्ट भी लगातार बढ़ रहा है। सितंबर तक जून की तुलना में यह कचरा तकरीबन ढाई गुना बढ़ गया। राहत की बात ये है कि अब इसमें कमी देखने को मिल रही है।

कोरोना काल के पहले से ही प्रदेश में बायोमेडिकल वेस्ट को सही तरीके से निस्तारित करने को लेकर तमाम तरह की शिकायतें आती रही हैं। कोरोना काल में पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर सख्ती करनी शुुरू की थी। बोर्ड का दावा है कि इस समय यह कचरा शत प्रतिशत उठाया जा रहा है।

अब यह सामने आया है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने के साथ ही बायोमेडिकल वेस्ट में भी इजाफा हो रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर माह में प्रदेश में 5.9 मीट्रिक टन बायोमेडिकल वेस्ट को इंसीनरेटर तक पहुंचाया गया। इससे पहले जून में कुल 2.5 मीट्रिक टन बायोमेडिकल वेस्ट ही मिलता था।

इतना होने पर भी पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी राहत महसूस कर रहा है। बोर्ड के मुताबिक, प्रदेश में आठ हजार मीट्रिक टन प्रति माह बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारित करने की क्षमता है।

तीन मामलों में लगा डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना:
बोर्ड के मुताबिक बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण पर लगातार निगाह रखी जा रही है। सितंबर माह में ही हल्द्वानी में लापरवाही के तीन मामले सामने आए थे। इनमें करीब डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। अगर अब भी कोई शिकायत सामने आती है तो बोर्ड तत्परता से कार्यवाही करेगा।

अक्तूबर के पहले पखवाड़े में वेस्ट कम आया:
बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक, अक्तूबर में अभी तक बायोमेडिकल वेस्ट कम ही आया है। कम से कम यह पिछले महीनों के औसत से कम है। इसका कारण खोजा जा रहा है। यह भी हो सकता है कि संक्रमण के मामले पिछले महीनों की तुलना में कम सामने आए हों।


लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -


👉 सच की आवाज  के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें

👉 सच की आवाज  से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें

👉 सच की आवाज  के फेसबुक पेज़ को लाइक करें

👉 गूगल न्यूज़ ऐप पर फॉलो करें


अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारी इन वैबसाइट्स से भी जुड़ें -


👉 www.sachkiawaj.com


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *