दून में मौसम रहेगा सामान्य।
पश्चिमी विक्षोभ के मार्ग बदलने के चलते फिलहाल दो-तीन दिन प्रदेश में मौसम सामान्य रहने की संभावना है। हालांकि, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के मैदानी इलाकों में घना कोहरा रह सकता है।
वहीं सोमवार को राजधानी देहरादून में सुबह कोहरा छाया रहा। हालांकि बाद में धूप खिल आई। ऊधमसिंह नगर, हल्द्वानी और हरिद्वार में भी आज सुबह कोहरा छाया रहा। अन्य इलाकों में धूप खिली हुई है।मौसम केंद्र देहरादून के अनुसार, देहरादून में धूप खिली रहने की संभावना है। सुबह व रात को हल्का कोहरा रह सकता है। पर्वतीय इलाकों में हल्का पाला व मैदानों में मध्यम से घना कोहरा रहने के आसार हैं।
मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि पहले पश्चिमी विक्षोभ के शनिवार को उत्तराखंड पहुंचने की संभावना थी। इसके बाद रविवार को संभावना जताई गई, जिससे प्रदेश में बर्फबारी व बारिश के आसार जताए गए थे। लेकिन, अब पश्चिमी विक्षोभ ने मार्ग बदल लिया है। इसलिए कुछ दिन मौसम सामान्य रहने की संभावना है।
अभी और परेशान करेगा कोहरा
हरिद्वार में रविवार को मौसम ने अचानक करवट बदली। पूरे दिन धूप खिली रही और शाम को अचानक कोहरा छा गया। पारा गिरने से सर्द हवाएं चलीं। मौसम विभाग के मुताबिक अभी तापमान के उतार-चढ़ाव के साथ 26 जनवरी को बूंदाबांदी के आसार भी हैं।
शनिवार देर रात आसामान में काले बादल रहे। रविवार सुबह आसमान खुल गया। पूरे दिन धूप खिली रही। रविवार का दिन होने के कारण अधिकतर लोग घरों की छतों पर धूप सेकते नजर आए। शाम पांच बजे बाद अचानक ठंडी हवाएं चलने के साथ कोहरा आने लगा।
देहात क्षेत्रों में कोहरा अधिक रहा। मौसम विभाग के ऋतु आलोकशाला के रिसर्च सुपरवाइजर नरेंद्र रावत ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम साढ़े तीन डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
शीतलहर व कोहरे ने बढ़ाई परेशानी
लक्सर में पिछले कई दिनों से शीतलहर के साथ छाए कोहरा लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। रविवार सुबह कोहरे व शीतलहर ने लोगों कंपकंपी छुटा दी। दोपहर बाद धूप खिलने से लोगों को राहत मिल सकी।
शनिवार रात से ही शीतलहर के चलने का सिलसिला जारी हो गया था, जो रविवार को भी जारी रहा। कोहरा व शीतलहर के चलते ठंड बढ़ रही थी। जिससे लोगों की कंपकंपी छूट रही थी। सुबह कोहरा छंटने के बाद बादल भी छा गए थे।
दोपहर में मौसम साफ हो गया और धूप खिल गई। धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत मिल सकी। शाम के समय लोगों ने ठंड से बचने के लिए अंगीठी, हीटर, गैस बर्नर, अलाव, लकड़ी, कोयला आदि जलाकर ठंड से बचाव का प्रयास किया गया।