समय बीत रहा है अभी भी बचाव दल फसें 35 लोगो से 30 मीटर दूर है.

ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 लोगों से बचाव दल अब सिर्फ 30 मीटर दूर है।दिनरात सुरंग से मलबा निकालने का काम जारी है लेकिन धीरे-धीरे ठोस हो रहे मलबे से बचाव दल की दिक्कतें बढ़ गईं हैं। बीती रात फंसे लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन मलबा अधिक होने के कारण वह अधिक दूर तक नहीं जा सका।



वहीं आपदा क्षेत्र से बहकर एक शव रुद्रप्रयाग तक जा पहुंचा। इसे मिलाकर अब तक मिले शवों की संख्या 34 तक पहुंच गई है। वहीं खोजबीन में सहारनपुर और चमोली के दो मजदूर अपने घरों पर मिले। पहले उन्हें लापता लोगों की सूची में डाला गया था।

इसके चलते अब लापता लोगों की संख्या 170 हो गई है। दूसरी ओर हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं। हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर भी नजर रखी जा रही है। राहत बचाव कार्य में डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है।अलकनंदा नदी किनारे मिला महिला का शव बदरीनाथ हाईवे पर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर शिवानंदी में अलकनंदा नदी किनारे एक महिला का शव मिला। एसडीआरएफ व डीडीआरएफ की टीम ने शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रख दिया। संभावना जताई जा रही है कि ऋषिगंगा में आई जलप्रलय में बहकर शव यहां पहुंचा है। वहीं आपदा क्षेत्र से बहकर रुद्रप्रयाग पहुंचे शव की शिनाख्त सूरज पुत्र बेचू लाल, निवासी- बाबूपुर, जिला- लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।


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