उत्तराखंड में पहली बार दूध से तैयार किया जा रहा छुरपी पालतू कुत्तों की सेहत बनाएगा।
सहकारी क्षेत्र में दूध से छुरपी (पेट फूड) तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। बाजार में छुरपी की कीमत 750 रुपये प्रति किलो तक है। इससे प्रदेश के हजारों दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी।
पड़ोसी देश नेपाल में सबसे पहले छुरपी बनाने की शुरूआत हुई थी। इसके बाद दार्जिलिंग में कुछ लोगों ने छुरपी बनानी शुरू की। प्रदेेश में दुग्ध विकास विभाग ने पहली बार सहकारी क्षेत्र में पेट फूड के रूप में छुरपी का उत्पादन शुरू किया है।
लाखामंडल, सुमाड़ी, जखोला और कमेडी के ग्रोथ सेंटरों में छुरपी बनाने की शुरूआत की गई है। इन ग्रोथ सेंटरों से तैयार छुरपी को बंगलूरू की एक कंपनी को बेचा जा रहा है। विभाग का अनुमान है कि छुरपी बनाने से दुग्ध समितियों से जुड़े पांच हजार से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा मिलेगा।
ऐसे बनती है छुरपी:
दूध से जिस तरह से पनीर बनाया जाता है, उसी तरह छुरपी भी तैयार की जाती है। लेकिन छुरपी में नमी की मात्रा पूरी तरह से निकाल कर सख्त बनाया जाता है। छोटे-छोटे टुकड़े बनाकर 28 दिनों तक सूखाने के बाद छुरपी तैयार की जाती है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 60 प्रतिशत है।
देश में अभी तक किसी भी राज्य में सहकारी क्षेत्र में छुरपी का उत्पादन नहीं किया जाता है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जो पेट फूड के रूप में दूध से छुरपी बना रहा है। यह योजना खासकर पर्वतीय क्षेत्रों के दूरस्थ गांवों के उन दुग्ध उत्पादकों की आर्थिकी को मजबूत करेगी, जो दूध बाजार तक नहीं पहुंचा पाते हैं।
– डॉ.जयदीप अरोड़ा, संयुक्त निदेशक, दुग्ध विकास विभाग