खबर हटकरसोशल मीडिया वायरल

बाघों के लिए मशहूर कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में खूबसूरत रंग-बिरंगी तितलियों का संसार भी बसता है।



बाघों के लिए मशहूर कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) में खूबसूरत रंग-बिरंगी तितलियों का संसार भी बसता है। सीटीआर व उसके आसपास के क्षेत्र में पहली बार 143 प्रजाति की तितलियों की मौजूदगी मिली है। अब तक यहां तितलियों की प्रजातियों का कोई रेकार्ड नहीं था। यहां मिली तितलियों में से 25 ऐसी प्रजाति भी हैं जो बहुत कम ही नजर आती हैं।

कार्बेट टाइगर रिजर्व जैव विविधता से परिपूर्ण क्षेत्र है। बाघों के साथ ही हाथी, हिरन समेत विभिन्न वन्यजीवों व सरीसृप की प्रजाति यहां मौजूद है। इसीलिए देश भर से शोधार्थी कार्बेट की जैव विविधता पर अपना शोध कार्य करते हैं। कार्बेट की जैव विविधता में तितली की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्बेट के विभिन्न क्षेत्रों में तितलियों की अच्छी खासी मौजूदगी है। लेकिन उनकी संख्या का आकलन अब तक नहीं किया गया था।

रामनगर के वन्य जीव विशेषज्ञ संजय छिमवाल व राजेश भट्ट ने अपनी टीम के साथ कार्बेट में देखी गई 130 तितलियों की समग्र जानकारी जुटाई है। जबकि कार्बेट प्रशासन के पास केवल 13 तितलियों की सूची पहले मौजूद थी। ऐसे में संजय व राजेश ने कार्बेट में मिलने वाली कुल 143 तितलियों की कामन व विज्ञानी नामों के साथ चेक लिस्ट तैयार की। चेक लिस्ट कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल को सौंपी गई है।

चार साल से एकत्र हो रही थी फोटो:
कार्बेट में तितलियों की जो लिस्ट तैयार की गई है। वह पिछले चार चाल की मेहनत का परिणाम है। तितली विशेषज्ञ द्वारा कार्बेट व आसपास के क्षेत्र में दिखने वाली विभिन्न प्रजातियों की तितलियों की एक-एक करके जानकारी एकत्र की जा रही थी। जिसकी सूची अब फाइनल की गई है। यह तितलियां कार्बेट में झिरना, ढेला, बिजरानी, ढिकाला, गर्जिया, ढिकुली, मोहान, दुर्गादेवी, हल्दुपड़ाव व रतुवाधाब के आसपास देखी गई है।

कुछ खास प्रजाति जो मिली:
ग्रास ब्लू, कामन लैपर्ड, पीकाक पैंसी, साइक, कामन एमिग्रंट, पी ब्लू, कामन नवाब, ब्लू एडमिरल, आरेंज ओक लीफ, रेड पियरो, ब्लू बाटल, एग फ्लाई, कामन मोर्मून, क्लब बीक, यैलो पैंसी, कमांडर आदि।

परागण में सहायक होती है तितली:
अपनी सुंदरता से सबको भाने वाली तितलियां फसलों में परागण करने के साथ पर्यावरण की शुद्धता भी बताती हैं। जहां तितलियां होती हैं वहां का वातावरण शुद्ध होता है। जबकि प्रदूषण वाले स्थान पर तितलियां नहीं होती हैं। इसलिए इसे पर्यावरण की शुद्धता का भी प्रतीक माना जाता है।

सीटीआर के रेकार्ड में दर्ज किया जाएगा:
सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि तितलियों का अभी तक कोई प्रमाणित रेकार्ड नहीं था। 143 प्रजातियों की तितली की लिस्ट सहयोगियों द्वारा तैयार की है। इसे सीटीआर के रेकार्ड में दर्ज किया जाएगा।

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *