नशे के कारोबार में लिप्त उत्तराखंड के काशीपुर की एक महिला ड्रग माफिया को लेकर खुफिया विभाग सतर्क हो गया है।
खुफिया विभाग को महिला ड्रग माफिया के जेल में रहने के दौरान कुछ माओवादियों के संपर्क में आने के इनपुट मिले हैं। ऊधमसिंह नगर और नैनीताल का खुफिया तंत्र इसकी जांच में जुटा है।
काशीपुर में ड्रग का कारोबार सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिला ड्रग माफिया भी करती हैं। महिलाओं की ओर से ड्रग तस्करी के मामले लगातार सामने आने पर पुलिस ने पिछले दो वर्षों में काशीपुर से 14 महिला ड्रग माफिया को जेल भेजा है।
जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि इन महिला ड्रग माफियाओं की ओर से स्मैक, चरस, अफीम और गांजा की तस्करी की जाती थी। ड्रग को यूपी के अलग- अलग क्षेत्रों से मंगाकर ऊधमसिंह नगर के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भी भेजा जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार खुफिया विभाग को इनपुट मिला है कि कुछ समय पूर्व जेल में बंद रहने के दौरान काशीपुर की एक महिला ड्रग माफिया जेल में ही बंद एक माओवादी के संपर्क में आई थी जिसका संपर्क नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र से है।
खुफिया तंत्र गहनता से जांच कर रहा:
जेल से बाहर निकलने के बाद उसका संपर्क माओवादी विचारधारा के कुछ और लोगों से भी रहा। महिला ड्रग तस्करी के आरोप में एक से अधिक बार जेल जा चुकी है। बता दें कि पूर्व में रामनगर क्षेत्र माओवादी विचारधारा से जुड़े लोगों का गढ़ रहा है।
इसके चलते खुफिया तंत्र यहां किसी भी तरह की माओवादी गतिविधि को लेकर हमेशा सतर्क रहता है। महिला ड्रग माफिया किस- किस के संपर्क में है और माओवाद की किन गतिविधियों में शामिल हो सकती है, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर का खुफिया तंत्र इसकी गहनता से जांच कर रहा है।
बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड और यूपी में 16 वर्षों तक माओवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले खीम सिंह बोरा को बीते 17 जुलाई 2019 को बरेली से गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ बरेली एटीएस ने एटीएस थाना गोमती नगर लखनऊ में केस दर्ज कराया गया था।