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कोरोना टीकाकरण के पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी 13 जिलों में तैयारी पूरी कर ली है।



शुक्रवार को 130 चिकित्सा इकाईयों में कोरोना टीका लगाने का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी है।
कोरोना टीकाकरण के लिए राज्य नोडल अधिकारी व एनएचएम मिशन निदेशक सोनिका ने बताया कि आठ जनवरी को प्रत्येक जिला में 10 स्थानों पर कोरोना टीकाकरण का पूर्वाभ्यास किया जाएगा।

प्रदेश भर में 130 चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी अस्पतालों में पूर्वाभ्यास के माध्यम से टीकाकरण की व्यवस्था को परखा जाएगा। पूर्वाभ्यास के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार कर ली गई है। जिन हेल्थ वर्करों को टीका लगेगा, उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना मोबाइल पर भेजी गई है।

निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी ने बताया कि पूर्वाभ्यास के लिए गढ़वाल मंडल में डॉ. भारती राणा, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. मनोज बहुखंडी, डॉ. केएस चौहान, डॉ. एके सिंह, डॉ. विकास को पर्यवेक्षक तैनात किया गया। वहीं, कुमाऊं मंडल में डॉ. शैलेजा भट्ट, डॉ. शिखा जंगपांगी को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।

यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम में योगदान के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। उन्होंने लेखन सामग्री एवं क्रीड़ा संबंधित किट प्रदान की।

राहत : उत्तराखंड में नहीं मिला कोरोना का नया स्ट्रेन:
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर उत्तराखंड को बड़ी राहत मिली है। जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे (एनआईवी) भेजे ब्रिटेन से लौटे छह संक्रमितों के सैंपल नेगेटिव मिले हैं। जिसमें कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन नहीं मिला है। दो सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है।

हाल ही में ब्रिटेन से लौटे आठ लोग कोरोना संक्रमित मिले थे। इसमें देहरादून में छह, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिला में एक-एक संक्रमित मिला था।

कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आठ सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे गए थे। लगभग एक सप्ताह एनआईवी से सैंपलों की रिपोर्ट मिली है। जिसमें छह सैंपलों में कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं मिला है। दो सैंपलों की रिपोर्ट आनी बाकी है।

राज्य कोविड कंट्रोल रूम के चीफ आपरेटिंग आफिसर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने एनआईवी से सैंपलों की रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि छह सैंपलों में कोरोना का नया स्ट्रेन नहीं मिला है।

नए कोरोना स्ट्रेन के मरीजों के लिए बेड आरक्षित:
ब्रिटेन से फैल रहे कोरोना के नए स्ट्रेन के मरीज देश में भी ट्रेस होने के बाद उत्तराखंड में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसी के मद्देनजर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 30 बेड जनरल और 10 बेड का आईसीयू वार्ड अलग से आरक्षित कर दिए गए हैं।

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को कोविड-19 मरीजों के लिए पूरी तरह से समर्पित किया गया है। कोरोना के नए स्ट्रेन के संक्रमण के बढ़ने के चलते उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।

दून अस्पताल के डिप्टी एमएस एवं कोरोना के स्टेट कोआर्डिनेटर डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि ब्रिटेन से संक्रमित हुए संभावित मरीजों को देखते हुए जनरल वार्ड में 15 पुरुष और 15 महिला मरीजों के बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। इसके अलावा 10 बेड का आईसीयू वार्ड भी आरक्षित कर लिया गया है। हालांकि अब तक ब्रिटेन से आए स्ट्रेन के कोरोना मरीज दून में नहीं मिले हैं और न ही अस्पताल में इस तरह का कोई मरीज पहुंचा है।

साइड इफेक्ट हुआ तो दून अस्पताल तैयार:
कोविड-19 के वैक्सीनेशन की शुरुआत होने के साथ ही इसके किसी भी तरह के साइड इफेक्ट से निपटने के लिए भी तैयारियों पर मंथन चल रहा है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने राजकीय दून मेडिकल अस्पताल को गढ़वाल मंडल के मरीजों के लिए टर्सरी केयर सेंटर के रूप में भी तैयार करने का निर्णय लिया है।

कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद अगर किसी भी मरीज को इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट होता है तो उसके इलाज के लिए दून अस्पताल प्रशासन को तत्पर रहने को कहा गया है। इसके लिए बाकायदा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। डॉ. एनएस खत्री ने दून अस्पताल को कोरोना वैक्सीनेशन टर्सरी केयर सेंटर बनाने के शासन के निर्णय की पुष्टि की है।

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