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Russia-Ukraine War: रूस के इस दावे को भारत ने बताया सरासर गलत, की यूक्रेन की तारीफ!

रूस ने दावा किया था कि यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बनाकर ढाल की तरह उनका इस्तेमाल कर रहा है. भारत ने कहा है कि यूक्रेन के अधिकारियों ने भारतीयों के निकलने में अब तक मदद की है और अब भी भारत सरकार फंसे हुए भारतीयों को निकालने में उनसे समर्थन मांग रही है. भारत ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों का भी धन्यवाद किया है.

भारत ने रूस के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें रूस ने कहा था कि यूक्रेन अपने यहां फंसे हुए भारतीयों को बंधक बनाकर उनका इस्तेमाल ढाल के रूप में कर रहा है. भारत ने रूस के इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि हमें भारतीयों को यूक्रेन में बंधक बनाने को कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. यूक्रेन ने भी रूस के आरोप पर कहा था कि यूक्रेन नहीं बल्कि रूस की सेना भारत के छात्रों को बंधक बना रही है. भारत ने दोनों देशों के दावे को गलत करार दिया है.

गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे यूक्रेन से ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है जिसमें किसी भारतीय को बंधक बनाया गया हो. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास यूक्रेन में फंसे भारतीयों से लगातार संपर्क बनाए हुए है और ऐसी कोई खबर अब तक नहीं मिली है.

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘हमें ध्यान देना चाहिए कि यूक्रेनी अधिकारियों की मदद से कई छात्र कल खारकीव छोड़ पाए हैं. हमें किसी भी छात्र के बंधक बनाए जाने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. हमने यूक्रेन के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वो यूक्रेन से विशेष ट्रेनों की व्यवस्था कर खारकीव और यूक्रेन के दूसरे इलाकों में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में हमारा समर्थन करें.

विदेश मंत्रालय के बयान में भारतीयों को बंधक बनाए जाने के रूस के दावे को खारिज करते हुए कहा गया, ‘हम रूस, रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोल्दोवा सहित यूक्रेन के आसपास के देशों के साथ प्रभावी ढंग से बातचीत कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से निकाला गया है. हम यूक्रेनी की तरफ से दी गई मदद की सराहना करते हैं.’

मंत्रालय ने अपने बयान में आगे कहा कि हम यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों को भारतीय नागरिकों को प्रवेश की इजाजत देने और उड़ान तक देश में रहने देने के लिए उनका धन्यवाद करते हैं.

क्या कहना था रूस का? 

गुरुवार को रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों ने दावा किया कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में कुछ भारतीयों को बंधक बना लिया गया है. बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. इसके बाद भारत स्थित रूसी दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के मुद्दे पर बात हुई.

रूस की तरफ से ट्वीट कर आरोप लगाया गया कि यूक्रेन ने कुछ भारतीयों को बंधक बना लिया था और ढाल की तरह उनका इस्तेमाल कर रहा है. ट्वीट में लिखा गया, ‘रूस मानवीय कॉरिडोर के जरिए सबसे छोटे रास्ते से खारकीव से भारतीय छात्रों को तुरंत रूस में निकालने की कोशिश कर रहा है. हमें जानकारी मिली है कि इन छात्रों को यूक्रेन ने बंधक बना लिया था. यूक्रेन छात्रों को ढाल की तरह इस्तेमाल करता है और उन्हें रूस जाने से रोकता है. इसकी पूरी जिम्मेदारी यूक्रेन की है.’

यूक्रेन ने भी रूस पर लगाए थे आरोप:

रूस के इस दावे को यूक्रेन ने खारिज करते हुए रूस पर ही आरोप लगाया कि रूसी सेना भारत और अन्य देशों के छात्रों को बंधक बना रही है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया, ‘हम भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों की सरकारों से तुरंत अपील करते हैं कि इनके छात्र खारकीव और समी में रूसी सेना द्वारा बंधक बना लिए गए हैं.

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