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राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की बड़ी कक्षाओं में सीटें सालों से खाली हैं।



राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में नियमों की पेचीदगी के चलते खाली सीटों पर पात्र छात्रों को दाखिला नहीं मिल पा रहा है। समस्या यह है कि इन विद्यालयों में सिर्फ कक्षा छह में ही दाखिले होते हैं। जबकि, बड़ी कक्षाओं के कई छात्र हर साल स्कूल छोड़ देते हैं। इन कक्षाओं में सीधे दाखिले का नियम नहीं होने से यह सीटें खाली ही रहती हैं।

देहरादून के ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की ही बात करें तो यहां वर्तमान में 321 छात्र पढ़ रहे हैं, जबकि कई कक्षाओं के 30 छात्र स्कूल छोड़ चुके हैं। 11वीं व 12वीं में ही 20 प्रतिशत से ज्यादा सीटें खाली चल रही हैं।

शिक्षक जीसी थपलियाल ने बताया कि छठी कक्षा में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें अभी तक 51 छात्र दाखिला ले चुके हैं। वहीं, सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणवीर सिंह ने जवाहर नवोदय की तर्ज पर राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में 9वीं व 11वीं में भी दाखिला करने का सुझाव दिया है।
ये हैं सीटें:
कक्षा,    निर्धारित सीटें   खाली सीटें
सातवीं,        60               शून्य
आठवीं,        58                2
नवीं,            57                 3
दसवीं,          55                5
11वीं,           50              10
12वीं,           40              10
कुल,            321              30

राजीव गांधी नवोदय विद्यालय का उद्देश्य ग्रामीण अंचलों के जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा व रहने की सुविधा मुहैया करना है। छठी कक्षा के बाद दाखिले न होने से अधिक संख्या में सीटें भरी नहीं जा रही हैं। इन विद्यालयों में खाली सीटों को भरने के लिए 9वीं व 11वीं में भी दाखिले करने की जरूरत है।
– रणवीर सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, सीबीएसई।

मौजूदा समय में विद्यालय में 30 सीटें खाली चल रही हैं। हर साल छात्र कई कारणों से स्कूल छोड़ते हैं। ये सीटें सालों तक खाली रहती हैं। इन सीटों पर अन्य पात्र छात्रों को मौका मिलता है तो अच्छा होगा।
-डॉ. मीना काला, प्रधानाचार्य, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा।

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