कोरोना के मरीजों की संख्या 47 हज़ार पार हुई।
उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से प्रतिदिन मिलने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार से कम है। जबकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या संक्रमितों से ज्यादा है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में आठ कोरोना मरीजों की मौत हुई है और 764 संक्रमित मिले हैं। वहीं, 813 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद घर भेजा गया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार रविवार को 11042 सैंपल निगेटिव मिले हैं। देहरादून जिले में सबसे अधिक 241 कोरोना मरीज मिले हैं। हरिद्वार में 139, पौड़ी में 90, ऊधमसिंह नगर में 89, नैनीताल में 50, उत्तरकाशी में 36, टिहरी, चमोली और चंपावत में 25-25, रुद्रप्रयाग में 16, पिथौरागढ़ में 11, अल्मोड़ा में नौ और बागेश्वर जिले में आठ कोरोना मरीज मिले हैं।
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में आठ कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इसमें एम्स ऋषिकेश में दो, मैक्स हॉस्पिटल में चार, सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज में एक और एचएनबी बेस हॉस्पिटल श्रीनगर में एक संक्रमित ने दमतोड़ा है।
प्रदेश में कुल 574 मौतें हो चुकी हैं। रविवार को 813 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इन्हें मिलाकर कुल 35462 मरीज ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 10799 है। जिनका उपचार चल रहा है।
कोरोना : 28वें सप्ताह में सर्वाधिक ठीक हुए मरीज
प्रदेश में बीते सात दिन में कोविड टेस्ट के साथ ही संक्रमित मामले घटे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही मौतें भी ज्यादा हुई है। प्रदेश में पहली बार एक सप्ताह में सबसे ज्यादा मरीज स्वस्थ हुए हैं।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण काल को 196 दिन यानी 28 सप्ताह बीत गए हैं। 27वें सप्ताह 13 से 19 सितंबर तक कुल 84664 सैंपलों की जांच हुई। जिसमें 9749 संक्रमित मरीज मिले और 6942 मरीज ठीक हुए। वहीं, 76 मरीजों की मौत हुई थी।
लेकिन 20 से 26 सितंबर तक 28 वें सप्ताह में सैंपल जांच और संक्रमित मामलों में कमी आई है। ठीक होने वाले मरीज और मौतें ज्यादा हुई है। पिछले सप्ताह की तुलना में सैंपल जांच 73895, सक्रमित मामले 6196, ठीक हुए मरीज 7676 और 88 मरीजों की मौत हुई है।
प्रदेश में अब तक 6.45 लाख सैंपलों की जांच की गई है। इसमें 46 हजार से अधिक कोरोना मरीज मिले हैं। हालांकि 34 हजार से अधिक मरीज कोरोना संक्रमण को मात दे चुके हैं।
उत्तराखंड में रोजाना 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बेड क्षमता के आधार पर 35 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत प्रतिदिन है। वर्तमान में डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल और कोविड हेल्थ सेंटर में प्रतिदिन 16.58 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत हो रही है। विभाग के पास 82.77 मीट्रिक टन ऑक्सीजन स्टाक में उपलब्ध है।
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक संक्रमितों की संख्या 47 हजार से ज्यादा हो गई है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। संक्रमितों को सांस लेने में दिक्कतों को देखते सरकार ने ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाए हैं।
कोरोना मरीजों के लिए अधिकृत कोविड अस्पतालों और कोविड हेल्थ सेंटर में 8037 ऑक्सीजन सिलिंडर और एक हजार ऑक्सीजन कंसनट्रेटर उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1500 ए टाइप सिलिंडर और एक हजार बी टाइप ऑक्सीजन सिलिंडर जिलों को भेजे गए हैं। 750 ए टाइप और 800 बी टाइप सिलिंडर खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश को केंद्र से 700 और टाटा समूह से 45 वेंटीलेटर मिले हैं।
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश में ऑक्सीजन से लेकर बेड, दवाइयों की प्राप्त व्यवस्था की गई है। कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सीजन बेड की क्षमता बढ़ाई जा रही है। जिससे गंभीर संक्रमित मरीजों को तत्काल ऑक्सीजन की सुविधा मिल सके।