उत्तराखंड वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को लेकर कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन
वन विभाग में विनियमितीकरण से छूटे संविदा और आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पद के सापेक्ष मूल वेतन व महंगाई भत्ता देने के प्रकरण में अब कैबिनेट की उपसमिति निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में शनिवार देर शाम हुई कैबिनेट की वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है, जिस पर 24 सितंबर को सुनवाई होनी और सरकार को जवाब दाखिल करना है।
आनन-फानन में बुलाई कैबिनेट बैठक
इस प्रकरण में कोर्ट की अवमानना का विषय भी जुड़ा है। इसी के चलते आनन-फानन कैबिनेट की यह बैठक बुलाई गई। अब इस विषय पर विधिक राय लेकर सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों और कैबिनेट उपसमिति के गठन की जानकारी कोर्ट में दी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी चंपावत से कैबिनेट की बैठक से वर्चुअल जुड़े, जबकि सचिवालय से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, रेखा आर्या व गणेश जोशी उपस्थित थे। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा वर्चुअली सम्मिलित हुए। बैठक में वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण पर मुख्य रूप से विमर्श हुआ। विनियमितीकरण से छूटे 934 दैनिक कर्मियों को मूल वेतन व महंगाई भत्ते का प्रकरण लंबे समय से चल रहा है। पूर्व में हाई कोर्ट ने इससे जुड़े मामले में यह देने के आदेश पारित किए थे। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसके साथ ही महंगाई भत्ते के मामले में अवमानना की याचिका भी दायर की गई। बताया गया कि कर्मियों को मूल वेतन दिया जा रहा है। महंगाई भत्ता समेत इससे जुड़े अन्य बिंदुओं पर निर्णय लेने के लिए वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की उपसमिति गठित करने का निर्णय लिया गया। उपसमिति सभी विषयों पर विमर्श कर अपनी रिपोर्ट देगी।
चारधाम यात्रा बाधित न हो, प्रभारी मंत्री जिलों में रखेंगे नजर
कैबिनेट की बैठक में चारधाम यात्रा और आपदा से जुड़े विषय पर भी विमर्श हुआ। तय हुआ कि आपदा से यात्रा किसी भी दशा में बाधित न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
इसके लिए सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों अपने-अपने जिलों में बराबर नजर रखेंगे। यदि कहीं आपदा की स्थिति आती है तो वे तुरंत मार्गों को खुलवाने आदि के लिए प्रशासन को निर्देशित करेंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि अब आपदा में क्षति होने पर नए मानकों के हिसाब से प्रभावितों को राहत राशि प्रदान की जाएगी।