Budget 2023: सीएम धामी ने बताया बजट को शानदार, यशपाल आर्य ने कहा- मध्यम वर्ग को दी शहद में लिपटी कड़वी गोलियां
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपना पांचवां बजट पेश किया। बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लेकर कई ऐलान किए गए हैं। जिसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शानदार बताया है। वहीं अब बजट को लेकर पक्ष-विपक्ष और आम लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शानदार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि ‘मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं और देश के लोगों के सामने शानदार बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देता हूं। यह बजट देश के साथ-साथ दुनिया के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
अमृत काल का सर्वस्पर्शी एवं समावेशी बजट:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा प्रस्तुत किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 विकसित भारत के विराट संकल्प को एक नई मजबूती प्रदान करता अमृत काल का सर्वस्पर्शी एवं समावेशी बजट है।
अमृत काल में 130 करोड़ देशवासियों की अपेक्षाओं को मूर्त रुप प्रदान करने वाले इस जनकल्याणकारी बजट हेतु प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री का सहृदय आभार। प्राकृतिक कृषि एवं इससे संबंधित स्टार्टअप्स समेत पर्यटन व सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देता यह बजट निश्चित तौर पर उत्तराखण्ड को 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्यों में सम्मिलित करने हेतु एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नए भारत के निर्माण एवं समृद्धि का संकल्प:
पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि संसद में प्रस्तुत आम बजट 2023-24 नए भारत के निर्माण एवं समृद्धि का संकल्प है। यह बजट देश की 130 करोड़ देश वासियों की भावनाओं का सार एवं उनकी सेवा का आधार है। यह बजट सर्वस्पर्शी, सर्वसमावेशी, लोकहितकारी, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिला एवं हर वर्ग की आशाओं का पुंज है।
आजादी के अमृत काल का यह बजट विकसित भारत का संकल्प है, निसंदेह यह भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। केन्द्रीय बजट 2023-24 का स्वागत करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं धन्यवाद करता हूं।
मध्यम वर्ग को शहद में लिपटी कड़वी गोलियों मिलीं:
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बजट में शिक्षा बजट घटाकर 2.64 % से 2.5 % करना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वास्थ्य बजट घटाकर 2.2 % से 1.98 % करना हानिकारक है। बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, गगनचुंबी महंगाई और छोटे मझोले उद्योगों के अस्तित्व पर संकट इन सबके लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
कृषि, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा, मनरेगा, फ़ूड सिक्यूरिटी व सामाजिक सरोकारों, जन कल्याण के बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कम किए गए है। जो किसान-मजदूर, गरीबों, पिछड़ों, दलितों आदिवासियों के लिए खतरे की घंटी है।
मध्यम वर्ग को शहद में लिपटी कड़वी गोलियों के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला है। आयकर सुधार उस नयी व्यवस्था में है, जिसमें छूट देने के प्रावधान नहीं है। अमृत काल में उद्योगपतियों को और रियायतें दी हैं, लेकिन असंगठित क्षेत्र की उपेक्षा जारी है। बजट 2023 से महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी का बढ़ना तय है।