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कार्बेट टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैप विधि से फेज 4 के बाघों की गणना इस बार दिसंबर के पहले सप्ताह से शुरू होगी।



कार्बेट प्रशासन तैयारी में जुट गया है। पहले चरण में कार्बेट व दूसरे चरण में कालागढ़ टाइगर रिजर्व में कैमरे लगाए जाएंगे।

हर चार साल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर बाघ की गणना कराई जाती है। नतीजे दिल्ली से घोषित किए जाते हैं। टाइगर रिजर्व अपने क्षेत्र में भी बाघों की गिनती करता है। कार्यक्षेत्र के हिसाब से टाइगर रिजर्व को कार्बेट व कालागढ़ के दो जोन में बाटा गया है। विभाग पहले कार्बेट के क्षेत्र में बाघ की गणना करेगा। इसके लिए कार्बेट टाइगर रिजर्व को 541 हिस्सों में बाटकर ग्रिड बनाई गई है। हर ग्रिड में दो स्क्वायर किलोमीटर का वन क्षेत्र शामिल है। प्रत्येक ग्रिड में दो जोड़ी कैमरे लगाए गए हैं। इस तरह पूरे ग्रिड में एक महीने तक 1082 कैमरे बाघों की तस्वीर खीचेंगे।

कार्बेट में 252 बाघ:
अखिल भारतीय बाघ गणना का कार्य वर्ष 2018 में एनटीसीए ने कराया था। राज्यवार नतीजे वर्ष 2019 में 29 जुलाई तथा टाइगर रिजर्ववार बाघों की संख्या इस साल 29 जुलाई को घोषित की थी। सीटीआर में बाघों की न्यूनतम संख्या 231 थी। इसके अलावा सीटीआर ने वर्ष 2019 के फेज 4 की बाघ गणना के रिजल्ट की घोषणा एक अक्टूबर को सीएम त्रिवेंद्र रावत की मौजूदगी में की थी। फेज 4 में बाघों की संख्या वर्ष 2018 के मुकाबले 231 से बढ़कर 252 पहुंच गई।
दिसम्बर में बाघों की गणना शुरू हो जाएगी। कैमरा ट्रैप में आने वाली फोटो के आधार पर यूनिक बाघों की पहचान कर गणना होगी।
-आरके तिवारी, पार्क वार्डन कार्बेट पार्क

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