वन विभाग ने उत्तराखंड में अब सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ मुहिम छेड़ी है।
वन विभाग अब न सिर्फ इस तरह के प्लास्टिक पर अपनी निर्भरता कम करेगा बल्कि लोगों को वन क्षेत्र में प्लास्टिक का उपयोग न करने को लेकर जागरूक करेगा। इसके साथ ही नदी तट, संरक्षित वन क्षेत्र, आर्द्र भूमि आदि में भी जमा हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को हटाया जाएगा। यह अभियान साल भर चलेगा।
केंद्र सरकार 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से प्रचलन से बाहर करने का लक्ष्य घोषित कर चुकी है। केंद्र सरकार की इसी योजना के तहत प्रदेश में वन विभाग ने वर्ष 2021 में वन क्षेत्र से सिंगल यूज प्लास्टिक को हटाने का अभियान छेड़ा है।
प्रमुख वन संरक्षक ने जारी किया आदेश:
अभियान को पूरे प्रदेश में एक साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने सभी प्रभागीय वन अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं, इको क्लब सदस्यों, एनसीसी, एनएसएस, ग्राम पंचायतों, वन पंचायतों का सहयोग अभियान के तहत लिया जाए।
इनको आरक्षित एवं संरक्षित वन क्षेत्रों, आद्र भूमि, प्राणि उद्यान आदि में प्राथमिकता के आधार पर अभियान संचालित करने को कहा गया है। पूरे साल भर की योजना तैयार करने के लिए वन विभाग ने 15 जनवरी को अधिकारियों की बैठक भी बुलाई है और इसके साथ ही अधिकारियों से प्रस्ताव भी मांगा है।
अभियान के तहत यह करेगा वन विभाग:
1.वन क्षेत्रों में स्टाफ और पर्यटकों को सिंगल यूज प्लास्टिक ले जाने से रोका जाएगा और उन्हें विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा।
2.संरक्षित क्षेत्रों, आर्द्रभूमि और वन के निकट के पर्यटक स्थलों में स्वच्छता कार्यक्रम चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम इस तरह से आयोजित होंगे कि गणतंत्र दिवस पर इनका समापन हो
3.संरक्षित क्षेत्र में स्थित नदी, जलाशय, आर्द्र भूमि आदि के लिए भी स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
4.प्लास्टिक से वन और वन्यजीवों पर पड़ने वाले खराब असर की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की भी है तैयारी:
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले प्रतिबंध लगाया था। इसी को देखते हुए वन विभाग भी वन क्षेत्र को प्लास्टिक फ्री जोन बनाने की कोशिश में है। इसके लिए प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध की तैयारी भी की जा रही है। वन मंत्री हरक सिंह का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक से सिर्फ वन्य जीवों का खतरा नहीं है बल्कि इससे पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है।