केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2020 में कोविड महामारी ने पर्यटन उद्योग को सबसे बड़ा झटका दिया है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ चारधाम यात्रा से ठीक पहले कोरोना वायरस की दस्तक से पर्यटन व तीर्थाटन कारोबार पूरी तरह से चौपट कर दिया। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, रीवर राफ्टिंग समेत अन्य पर्यटन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हुआ हो गया था, लेकिन पर्यटन उद्योग को उभारने के लिए सरकार ने बड़ी हिम्मत दिखाई और संक्रमण के बीच चारधाम यात्रा का संचालन शुरू किया।
वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद राज्य में पर्यटन और तीर्थाटन ने गति पकड़ ली थी। लेकिन 2020 शुरू होते ही कोरोना वायरस की दस्तक ने पर्यटन उद्योग को झटके देने शुरू कर दिए। 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना का पहला मामला मिला। इससे चारधाम यात्रा की तैयारियां धरी की धरी रह गईं। लॉकडाउन के बीच ही बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट खुले, लेकिन शुरू में तीर्थ यात्रियों के दर्शन करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहा।
पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद एक जुलाई से चारधाम यात्रा का संचालन शुरू किया। जिसमें प्रदेश के लोगों को ई-पास के माध्यम से दर्शन की अनुमति दी गई। इसके बाद 25 जुलाई से सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी सशर्त यात्रा में आने की अनुमति दे दी। जिसके बाद सरकार ने कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट की शर्त को समाप्त कर दिया। इससे पर्यटन कारोबार का पहिया घूमना शुरू हो गया।
पर्यटन कारोबार से जुड़े 2.43 लाख लोगों को आर्थिक मदद:
सरकार ने कोविड महामारी से लॉकडाउन के कारण पर्यटन उद्योग को आर्थिक नुकसान को देखते हुए आर्थिक सहायता भी दी। पर्यटन कारोबार से जुड़े 2.43 लाख लोगों व कर्मचारियों को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
होटलों को बिजली व पानी बिलों के भुगतान में छूट दी गई। रीवर राफ्टिंग से जुड़े 584 गाइडों को पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। वहीं, पर्यटन विभाग के तहत पंजीकरण, नवीनीकरण शुल्क को एक साल के लिए समाप्त कर दिया गया। पर्यटन उद्योग से जुड़े टैक्सी, मैक्सी कैब, ऑटो रिक्शा संचालकों को दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
तीन लाख से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे चारधाम:
एक जुलाई से लेकर 19 नवंबर तक कोरोना काल में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में तीन लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंचे। हालांकि वर्ष 2019 में 32 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने चारधाम के दर्शन किए थे। केदारनाथ आपदा के बाद यह तीर्थ यात्रियों का रिकार्ड था। 2020 में कोविड महामारी के कारण इसमें भारी गिरावट आई।
सुनसान ही रहे पर्यटक स्थल:
कोविड महामारी के चलते इस साल प्रदेश के पर्यटन स्थल सुनसान ही पड़े रहे। 2020 की शुरुआत में दिखी चहल-पहल दो माह बाद गायब हो गई। फिर लॉकडाउन लग गया और मसूरी, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश, औली, चौपता, रानीखेत समेत प्रदेश के अन्य पर्यटन स्थल सुनसान हो गए। हालांकि प्रतिबंध हटने के बाद साल खत्म होते-होते पर्यटकों की आवक तो शुरू हुई, लेकिन कोविड के साये ने पर्यटन को पटरी पर नहीं आने दिया।
चारधाम आए तीर्थ यात्री:
तीर्थ स्थल वर्ष 2019 वर्ष 2020
बदरीनाथ 12.44 लाख 1.45 लाख
केदारनाथ 10 लाख 1.35 लाख
गंगोत्री 5.30 लाख 23837
यमुनोत्री 4.65 लाख 7731