जानिए क्या होता हैं स्पाइन डे ? Know what is spine day?
World Spine Day 2023 कमर दर्द की समस्या आम हो चुकी है जिससे हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। खराब लाइफस्टाइल डेस्क जॉब ड्राइविंग मोबाइल व लैपटॉप का इस्तेमाल जैसी कई कारण इसमें योगदान दे रहे हैं। समय रहते ध्यान न देने पर ये दर्द बहुत गंभीर रूप ले सकता है। स्पाइनल हेल्थ के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 16 अक्टूबर को स्पाइन डे मनाया जाता है।
फिजियोथेरेपी एक ऐसी तकनीक है जिसकी मदद से शरीर के किसी अंग में लगी चोट, डिसेबिलिटी और दर्द को दूर किया जा सकता है। स्पाइन या रीढ़ की हड्डी हमारे पूरे शरीर का भार उठाती है। ऐसे में इसमें किसी भी तरह की समस्या होने पर शरीर के साथ-साथ दिमाग पर भी असर पड़ सकता है। गलत पोश्चर में लगातार एक ही जगह बैठना स्पाइन की हेल्थ के लिए बिल्कुल सही नहीं होता। इससे पीठ की मांसपेशियों और डिस्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। अगर बैक मसल्स स्ट्रॉन्ग नहीं, तो इससे पीठ, कमर, गर्दन दर्द की प्रॉब्लम हो सकती है, लेकिन लोअर बैक में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कमर का दर्द ज्यादा बढ़ने पर कई बार एक्सरसाइज करने की भी मनाही हो जाती है, ऐसे में फिजियोथेरेपी मददगार साबित हो सकता है। जिसमें एक्सपर्ट आपकी जरूरत के हिसाब से कुछ खास तरह की एक्सरसाइज पर ही फोकस करते हैं, जो उन अंगों का दर्द, तनाव दूर करने में फायदेमंद होती है। आइए जानते हैं स्पाइन को हेल्दी रखने में फिजियोथेरेपी के रोल के बारे में।
दर्द से राहत
फिजियोथेरेपी का इस्तेमाल रीढ़ की हड्डी में सूजन या मिस एलाइनमेंट को ठीक करने के लिए किया जाता है। दवाओं या सर्जरी के बिना ये प्रभावित जगह के दर्द व् सूजन को कम करने की बेहतरीन थेरेपी है।
तंत्रिका तंत्र के कार्य में सुधार
रीढ़ की हड्डी तंत्रिका तंत्र का एक बहुत ही जरूरी हिस्सा है। इसमें किसी भी तरह की खराबी नर्वस सिस्टम फंक्शन को प्रभावित कर सकती है। जिसके चलते कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। फिजियोथेरेपी की मदद से स्पाइन में आ रही किसी तरह की दिक्कत को दूर करने की कोशिश की जाती है, जिससे नर्वस सिस्टम में किसी तरह की कोई खराबी न आए।
फ्लेक्सिलिबिटी बढ़ाने में मददगार
फिजियोथेरेपी की मदद से शरीर के अकड़े हुए अंगों की धीरे-धीरे एक्सरसाइज कराई जाती है। जिससे उनकी जकड़न दूर होती है और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। कमर दर्द एक ऐसी समस्या है, जिससे डेस्क जॉब करने वाले तो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। लगातार बैठकर काम करना, गलत पोजिशन में बैठने की वजह से कमर दर्द हो सकता है। जिसे दूर करने में योग और फिजियोथेरेपी बेहद असरदार हैं।
बैलेंस और गतिशीलता बढ़ाने में फायदेमंद
गंभीर चोट या सर्जरी में कई बार लंबा बेड रेस्ट करना पड़ सकता है। ऐसे में जब आप अचानक से उठते हैं, तो इससे बॉडी को बैलेंस करना एक चैलेंज हो सकता है। कई बार तो रोजमर्रा के कार्यों को करने में भी कई तरह की दिक्कत होती है। ऐसे में फिजियोथेरेपी बहुत मददगार साबित हो सकती है।