प्रदेश में 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं जमीन की कीमत, चार जिलों में अधिक बढ़ाए गए सर्किल रेट
प्रदेश में भूमि की कीमत में औसत वृद्धि 15 से 20 प्रतिशत तक हो सकती है। नए सर्किल रेट लागू करने की तैयारी है। शासन ने जिलों से इस संबंध में प्राप्त प्रस्तावाें को और अधिक व्यावहारिक एवं तार्किक बनाने के निर्देश दिए हैं। अगले पखवाड़े के भीतर सर्किल रेट के संशोधन प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश में इसके क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय मंत्रिमंडल लेगा। प्रदेश में सर्किल रेट बढ़ाना प्रस्तावित है। कोरोना संकट के चलते लगभग तीन वर्ष जमीनों की कीमत में कोई वृद्धि नहीं की गई। सरकार ने गत वर्ष सर्किल रेट बढ़ाए थे। तीन वर्षों की औसत वृद्धि का आकलन करते हुए सर्किल रेट में औसतन 33.6 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। 2832 क्षेत्रों में भूमि खरीदने के लिए प्रति वर्गमीटर 100 से 300 प्रतिशत तक अधिक कीमत देनी होगी। मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में सर्किल रेट बहुत अधिक बढ़ाए गए। 2832 क्षेत्र ऐसे रहे, जहां प्रति वर्गमीटर भूमि खरीदने के लिए संबंधित व्यक्ति को 100 से 300 प्रतिशत तक अधिक कीमत देनी पड़ी है। नए राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, केंद्र व राज्य की बड़ी परियोजना स्थलों, तेजी से विकसित हो रहीं नई आवासीय कालोनी क्षेत्रों में सर्किल रेट में अधिक वृद्धि की गई। पर्वतीय जिलों में वृद्धि दर कम रही।
उत्तराखंड स्टांप (संपत्ति मूल्यांकन) नियमावली, 2015 के अनुसार सर्किल रेट प्रति वर्ष बढ़ाए जाने हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस वर्ष सर्किल रेट बढ़ाने की तैयारी चल रही है। जिलों से सर्किल रेट बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव स्टांप एवं निबंधन विभाग को भेजे। स्टांप एवं निबंधन महानिरीक्षक के स्तर पर इन सर्किल रेट का परीक्षण किया जा रहा है। महानिरीक्षक के स्तर पर अब तक कई बैठकें हो चुकी हैं। शासन स्तर पर इस संबंध में हुई बैठक में जिलों के प्रस्तावों में कमियां पाईं गईं। शासन ने इन कमियों का एक पखवाड़े के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में कृषि, अकृषि, दोनों क्षेत्रों में भूमि के सर्किल रेट में वृद्धि प्रस्तावित की गई है। शहरी क्षेत्रों से सटे अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में आवासीय कालोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं। शासन की नजरें इन क्षेत्रों पर टिकी हैं। गत वर्ष सर्किल रेट में वृद्धि को बहुत अधिक बताते हुए हो-हल्ला मचा था। अंदेशा जताया जा रहा था कि इससे भूमि की खरीद-बिक्री पर प्रभाव पड़ेगा और राजस्व आय कम हो सकती है। यह अलग बात है कि यह अंदेशा धरा रहा गया। स्टांप एवं निबंधन से सरकार की आय में बड़ी वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 की तुलना में स्टांप एवं निबंधन से 435 करोड़ अधिक आय प्राप्त हुई। चाल वित्तीय वर्ष में भी इस मद से अधिक आय प्राप्त होने का अनुमान है।
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस वर्ष भी सर्किल रेट में वृद्धि प्रस्तावित है। इस संबंध में जिलों से मिले प्रस्तावों में कुछ कमियां पाईं गईं। जिलों को विभिन्न क्षेत्रों में सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को तर्कसंगत बनाने को कहा गया है। अगले पखवाड़े तक इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने को कहा गया है। सर्किल रेट कितना बढ़ेगा, इस संबंध में निर्णय सरकार के स्तर से लिया जाएगा। वित्त विभाग इस संबंध में प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत करेगा।