बिना ओटीपी बताये नहीं मिलेगी रसोई गैस।
एक नवंबर से गैस उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ने वाली है। इस दिन से गैस डिलीवरी सिस्टम में फेरबदल होने जा रहा है। उपभोक्ताओं को अब बिना ओटीपी के गैस सिलेंडर डिलीवर नहीं किया जाएगा। यही नहीं अब गैस बुकिंग और पेमेंट भी ऑनलाइन ही करनी होगी। इसलिए जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक गैस एजेंसी में अपने मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किए हैं, वह जरूर करा लें। नहीं तो ऐसे उपभोक्ताओं को गैस मिलने में दिक्कत आ सक ती है।
दरअसल, गैस की कालाबाजारी और घटतौली की शिकायत लगातार मिलती रहती है। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए तेल कंपनियों ने राजस्थान के जयपुर और तमिलनाडु कोयंबटूर में ओटीपी व्यवस्था को पायलेट प्रोेजेक्ट के तौर पर शुरू किया था। इसकी सफलता के बाद अब पूरे देश के बडे़ शहरों में इस एक नवंबर से लागू किया जा रहा है। उत्तराखंड में राजधानी देहरादून सहित हरिद्वार, काशीपुर आदि बड़े शहरों में यह व्यवस्था लागू की जा रही है। नई व्यवस्था के मुताबिक उपभोक्ता को अब अपना गैस ऑनलाइन बुक कराना पड़ेगा। जैसे ही गैस बुक होगी तो उपभोक्ता को गैस एजेंसी से एक ओटीपी प्राप्त होगा। जब डिलीवरी ब्वाय गैस लेकर आएगा तो उपभोक्ता को इस ओटीपी को उसे बताना होगा। इसके बाद डिलीवरी ब्वाय इस ओटीपी को गैस एजेंसी को भेजेगा। तब जाकर उपभोक्ताओं को गैस डिलीवर होगी।
उपभोक्ताओं को रजिस्टर्ड कराना होगा मोबाइल नंबर:
जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक अपना नंबर गैस एजेंसी में रजिस्टर्ड नहीं कराया है। अब उन्हें अनिवार्य रूप से अपना नंबर रजिस्टर्ड कराना होगा। रजिस्टर्ड नंबर पर ही ओटीपी भेजी जाएगी। इसलिए जिन उपभोक्ताओं ने अभी तक अपना नंबर रजिस्टर्ड नहीं कराया है, वह अपना नंबर रजिस्टर्ड करा लें।
एक नवंबर से गैस डिलीवरी के नियम बदल जाएंगे। बिना ओटीपी के कोई भी गैस एजेंसी गैस डिलीवर नहीं करेगी। 95 प्रतिशत उपभोक्ताओं को इसी माध्यम से गैस दी जाएगी। इसलिए सभी लोग अपने नंबर रजिस्टर्ड करा लें। जिससे उन्हें बाद में परेशानी न उठाने पडे़।
-चमन लाल, अध्यक्ष, उत्तराखंड एलपीजी गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन