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स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ उतरे अभिभावक।



देहरादून, जेएनएन। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की अगुवाई में अभिभावकों ने देशभर में वर्चुअल बंद रखा। अपने-अपने कार्यस्थल और घरों पर अभिभावकों ने बच्चों के साथ मिलकर हाथ में तख्ती लिए निजी स्कूलों की मनमानियों पर रोक लगाने की मांग सरकार से की।

देहरादून, जेएनएन। निजी स्कूलों की मनमानियों और ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर किए जा रहे छलावे के खिलाफ अभिभावकों ने भगत सिंह की जयंती पर स्वैच्छिक भारत बंद किया। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) की अगुवाई में अभिभावकों ने देशभर में वर्चुअल बंद रखा। अपने-अपने कार्यस्थल और घरों पर अभिभावकों ने बच्चों के साथ मिलकर हाथ में तख्ती लिए निजी स्कूलों की मनमानियों पर रोक लगाने की मांग सरकार से की।

एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान के नेतृत्व में चले वर्चुअल विरोध प्रदर्शन में सुबह 10 बजे अभिभावकों ने विरोध शुरू किया। प्रदर्शन के तहत अभिभावकों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद कर, अपने कार्यस्थलों और घरों से अपनी मांग लिखे पोस्टर हाथ में लेकर फोटो खिंचकर पीएमओ, मानव संसाधन मंत्री और अपने अपने राज्यों के शिक्षामंत्री को ट्वीट व मेल द्वारा भेजी। साथ ही एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को ज्ञापन देकर चेताया कि यदि शीघ्र अभिभवाकों के हित में निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए कड़े नियम नहीं बनाए गए तो जल्द हजारों अभिभावक सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेंगे। आरिफ खान ने कहा कि कोरोना काल में संपूर्ण भारत में लोग की आर्थिक स्तिथि खराब हो चुकी है।

हजारों लोग के व्यवसाय बंद हो गए लाखों की नौकरियां चली गयी। लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। फीस जमा करने में असमर्थ अभिभावकों के बच्चों को ऑनलाइन क्लास से बाहर किया जा रहा है, कोर्ट और सरकार के आदेशों की खिलाफत कर स्कूलों ने फीस भी बढ़ाई और फीस ना देने वाले बच्चों का नाम भी स्कूलों से काटा जा रहा है। हर राज्य में अभिभावकों ने शिक्षा विभाग, राज्य सरकार यहाँ तक कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन अभिभावकों को राहत नहीं मिली है। इससे अभिभावकों का रोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से इसका संज्ञान लेते हुए अभिभावकों-छात्रों के हित में फैसला लेने की अपील की।

देहरादून में विरोध जताने वालों में एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट सुदेश उनियाल, प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट राजगीता शर्मा, कविता खान, सीमा नरूला, सरदार गुरजेन्द्र सिंह, सोमपाल सिंह, पंकज कुमार गोयल, दीपक मलिक, भुवन पालीवाल समेत अन्य लोग रहे।
ये हैं अभिभावकों की मुख्य मांगे

-हाफ स्कूल हाफ फीस।

-नो वैक्सीन नो स्कूल।

-फीस के लिए चलने वाली व्हाट्सएप ऑनलाइन क्लॉस बन्द हों।

-शिक्षा नियामक आयोग शीघ्र बनाया जाए।

-फीस एक्ट शीघ्र बनाया जाए ।

-फीस ना जमा होने पर किसी भी छात्र को शिक्षा से वंचित करने वाले स्कूलों के खिलाफ आरटीआई के तहत मुकदमा दर्ज हो।

-निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें सख्ती से लागू हो।

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