उत्तराखंडखबर हटकरताज़ा ख़बरेंन्यूज़भारतसोशल मीडिया वायरलस्वास्थ्य

स्वास्थ्य विभाग से पल्स ऑक्सीमीटर समाप्त हो गया है।

कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मरीजों और अस्पतालों में बेड खाली न होने के बीच अब स्वास्थ्य विभाग के पास पल्स ऑक्सीमीटर भी खत्म हो गए हैं। इससे होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है। बाजार में भी पल्स ऑक्सीमीटर आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। वहीं, पल्स ऑक्सीमीटर के दाम भी सामान्य दिनों की अपेक्षा बढ़ गए हैं।

अस्पतालों में मरीजों की भीड़ न बढ़े इसलिए कोरोना संक्रमित कम गंभीर मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में भेजा जा रहा है। इसके साथ ही ऐसे मरीजों को कोरोना किट भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें कोरोना की दवाएं, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की व्यवस्था की गई थी।

मरीजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के डॉक्टरों द्वारा यह भी सलाह दी जा रही थी कि दवाई लेने के साथ ही दिनचर्या, खानपान सही रखें और समय-समय पर थर्मामीटर से बुखार व पल्स ऑक्सीमीटर से शरीर में पल्स और ऑक्सीजन की स्थिति जांचते रहें। बुखार बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह लें और ज्यादा समस्या बढ़े तो अस्पताल में पहुंचकर डॉक्टरों से चेकअप कराएं।

पल्स ऑक्सीमीटर की किल्लत:
इस बीच कई लोग किट के साथ पल्स ऑक्सीमीटर नहीं पहुंचने की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि पैकेट पर पल्स ऑक्सीमीटर भी होने की बात लिखी गई है, लेकिन खोलने पर पता लग रहा है कि उसमें पल्स ऑक्सीमीटर है ही नहीं। बाजार में भी पल्स ऑक्सीमीटर आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

इस संबंध में संपर्क करने पर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी ने बताया कि पल्स ऑक्सीमीटर की किल्लत के चलते यह समस्या आई है। इसके लिए पहले ही टेंडर भी डाल दिया गया था, लेकिन अभी कोई कंपनी इसके लिए आगे नहीं आई है। विभिन्न स्तरों पर पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही पल्स ऑक्सीमीटर मिल जाएंगे। जिन्हें शीघ्रता से मरीजों को उपलब्ध कराया जाएगा।

देहरादून में बने विभिन्न केंद्रों पर हो रही आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट कई दिन तक नहीं मिल पा रही है। इससे कोरोना संक्रमित मरीज और उनके परिजन परेशान हैं। मजबूरन उन्हें निजी लैब में दोबारा जांच के लिए सैंपल देना पड़ रहा है।

प्रशासन ने घंटाघर, रेलवे स्टेशन आदि जगह पर भी कोरोना सैंपल लेने की व्यवस्था की हुई है, लेकिन वहां से भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट कई दिन तक न मिलने की वजह से तमाम लोग परेशान हैं। लोग कई बार दून अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं। साथ ही हेल्पलाइन नंबरों पर भी इस बारे में जानकारी मांग रहे हैं,लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी ने बताया कि यह सैंपल पहले सीएमओ कार्यालय आते हैं और उसके बाद एम्स या राजकीय दून मेडिकल कॉलेज की लैब में कोरोना जांच के लिए जाते हैं। संभवत जांच में देरी की वजह से जांच रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट नहीं हो पा रही होगी।

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *