उत्तराखंड में अक्तूबर से दिसंबर तक के रामलीला, दुर्गापूजा, नवरात्र, दशहरा, ईद, क्रिसमस आदि के आयोजनों को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।
उत्तराखंड में अक्तूबर से दिसंबर तक के रामलीला, दुर्गापूजा, नवरात्र, दशहरा, ईद, क्रिसमस आदि के आयोजनों को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को शासन ने इसकी एसओपी जारी कर दी। 200 लोगों की सीमा जारी रखी गई है। आयोजकों को मास्क, थर्मल स्कैनिंग और दो गज की दूरी आदि नियमों का सख्ती से पालन कराना होगा।
एसओपी के मुताबिक प्रशासन के साथ ही आयोजकों के लिए किसी भी आयोजन की विस्तृत कार्ययोजना बनानी होगी। कंटेनमेंट जोन में प्रतिबंध पहले की तरह ही जारी रहेेंगे। अन्य स्थानों पर आयोजकों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्किंग करनी होगी और थर्मल स्कैनिंग, सेनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी।
एसओपी के मुख्य बिंदुु:
– कंटेनमेंट जोन में कोई जुलूस, धार्मिक सभा, समारोह को अनुमति नहीं होगी।
– ईवेंट मैनेजरों, स्टाफ, गंभीर बिमारी से ग्रसित 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिला, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की दी गई है सलाह।
– प्रशासन बनाएगा साइट प्लान, भीड़ प्रबंधन भी करेगा। सरकार की गाइडलाइन का पालन करना होगा।
– अधिक भीड़ वाले पर्व, त्योहार, खास धार्मिक पर्व आदि के लिए सामाजिक दूरी के नियम को ध्यान में रखते हुए भीड़ प्रबंधन करना होगा।
– अनलॉक-5 में अधिकतम 200 लोगों को अनुमति दी गई थी, इसे जारी रखा गया है। समाजिक दूरी का पालन करते हुए लंबी रैलियों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी होगी।
– अधिक दिन तक चलने वाले कार्यक्रम जैसे रामलीला, पूजा अनुष्ठान, मेले, प्रदर्शनियों आदि में भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। सशर्त और सीमित प्रवेश पर विचार किया जा सकता है।
– थर्मल स्कैनिंग, सेनिटाइजेशन आदि नियमों का पालन कराने के लिए स्वयं सेवक तैनात किए जाएंगे।
– नाटक के मंचन के लिए सिनेमा और थियेटर के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
– किसी भी कार्यक्रम, सामाजिक समारोह के लिए पहले स्थान चिह्नित किया जाएगा।
– सुझाव दिया गया है कि सामाजिक दूरी, मास्क आदि के नियम का पालन कराने के लिए क्लोज सर्किट कैमरों से निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है।
– रैलियों, धार्मिक जुलूसों के लिए पहले से ही रूट प्लान, शामिल होने वाले लोगों की संख्या, प्रतिमा विसर्जन आदि की साइट आदि तय करनी होगी।
– रामलीला, दुर्गा पूजा, दशहरा सहित अन्य आयोजनों के लिए कोरोना को देखते हुए पहले से ही तैयारी करनी होगी। सारे संबंधित पक्षों से बात कर विस्तृत योजना बनानी होगी।
– सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए मार्किंग की जाएगी, पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
आयोजनकर्ताओं की होगी जिम्मेदारी:
– आयोजन स्थल को बार-बार सैनिटाइज करने के लिए, सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए, स्टाफ के लिए मास्क आदि की व्यवस्था आयोजकों को करनी होगी।
– आयोजकों को पर्याप्त संख्या में टिकट काउंटर की व्यवस्था करनी होगी। जहां तक संभव हो कांटेक्ट लैस भुगतान किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से रोकथाम के उपाय बताने वाले पोस्टर, बैनर आदि लगाए जाएंगे।
– आयोजन स्थल पर ऐसा कमरा या स्थल चिह्नित किया जाएगा जहां किसी लक्षण वाले व्यक्ति को एकांतवास में रखा जा सके।
आयोजन स्थल के लिए ये होंगे नियम
– पर्याप्त संख्या में प्रवेश और निकासी की व्यवस्था होगी। वेंटीलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
– फेस कवर या मास्क होने पर ही प्रवेश मिलेगा। सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी होगा।
– धार्मिक स्थलों में प्रवेश से पहले हर परिवार के लिए अलग से जूते, चप्पलों का स्थान निर्धारित होगा। लोग जूते, चप्पल आदि अपने वाहन में भी उतार सकते हैं।
– सामाजिक दूरी या दो गज की दूरी का पालन करते हुए सिटिंग प्लान बनाया जाएगा। दुकान, खोखों आदि को भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।
– धार्मिक स्थलों में प्रतिमा, पवित्र किताब आदि को छूने की मनाही। जहां तक संभाव हो सके रिकार्ड किए गए गाने ही सुनाए जाएंगे। समूह गान आदि से बचा जाएगा।
– सामुदायिक किचन, लंगर आदि में भी सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। खाना बनाते, परोसते समय संक्रमण के प्रति अधिकतम सावधानी का पालन करना होगा।
– एअर कंडीशन 24 से 30 डिग्री के बीच रहेगा।