शराब माफिया कोन? उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत या कोई और!
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री, शायद जो भी सपने देखतें हैं उनको उत्तराखंड राज्य पर आजमा लेते हैं. कल रात को मुख्यमंत्री जी को सपना आ गया, वो भी क्या उनको सपना आया की दिल्ली, पंजाब और मध्य परदेश की सरकार ने खूब पैसा कमा लिया. पर सपना सिर्फ इतना ही आया उस से आगे वो भूल गए, क्यूंकि उनको भूलने की आदत बहुत ज्यादा है. वो अक्सर भूल जाते हैं की कल उन्होंने क्या कहा था, उनको फर्क भी नहीं पड़ता की क्या कहा मेने, या क्या सोचेंगे लोग. चलो, फिर सुबह उठकर उन्होंने पता लगाने के कोशिश की तो उनके चाटुकारों ने बताया की आपका सपना बिलकुल सच्ची घटना पर आधारित है.
उनके चाटुकारों ने बताया की हमने शराब की कीमतों में कमी करके गलती कर दी क्यूंकि ये जो सपना आपने देखा है उन सरकारों ने शराब की मदद से ही तो ये सारा पेंसा कमाया है.
बस फिर क्या था उन्होंने अपने पुरानि आदत से मजबूर सब कुछ भुलाकर कहा, हम भी ऐसा ही करेंगे और खूब पेंसा कमाएंगे. (मन में पहला लड्डू फूटा.)
फिर हुई उनकी थोड़ी ज्ञान गंगा शुरू, बोले, शराब जरूरी है, लोगों को शराब मिलनी ही चाहिए ये देवभूमि है पर शराब/भांग का तो शिव भी सेवन करते थे, तो शराब लोगों को मिलनी ही चाहिए, बोले, ये इंसान पर निर्भर करता है की वो क्या पीना चाहता है अगर पीने वाले नहीं रुक सकते तो हम उनको केसे रोक सकतें हैं और वेसे भी हम क्यूँ सोचे उनके बारें में हमारा क्या जाता है पिएगा कोई, घर किसी और का बर्बाद होगा, घर लोगों के टूटेंगे, पति पत्नी के झगडे लोगों के होंगे बस इतना ही तो होगा सिर्फ इतने से हमें क्या फर्क पड़ता है हमने कोन सा ये सब रोकने की कसम खायी थी. हमने तो कसम खायी थी जनता की सेवा करेंगे पर जनता में तो सब आते हैं और हम सेवा कर रहे हैं आपकी (उनके चाटुकार).
उनके चाटुकारों क्या सुनना था सिर्फ इतना ही, २ घंटे के अन्दर येसी रणनीत बनायीं कि उत्तरांचल और उत्तरांचल के लोगों की कमर तोड़ कर रख दी अपने जेब भरने के लिए.
अपनी जेब भरने के लिए उन्होंने सारे नियमों को तार तार कर दिया, फाइलें तेयार की गयी कोविड टैक्स लगाकर जनता को लूटना शुरु हुआ, जनता से भी लूटा और शराब कम्पनियों से भी. मिलजुलकर सबने दुबारा टीम डेनिश को शुरू करने की कसम खायी. उत्तरांचल राज्य का बुरा वक्त आने वाला है इसमें कोई संदेह नहीं.
१ बात लोगों को जाननी है की ये कोविड टैक्स है क्या? और क्यूँ इसको जनता भरे जबकि पेंसा सरकार को मिला, दान जनता ने दिया, मदद जनता कर रही है, राशन जनता बाँट रही है, सब कुछ जनता कर रही है. और अब कोविड टैक्स भी जनता भरे. वाह.
चलो शायद कभी मुख्यमंत्री जी लाइव आकर ये सब सवालों के जवाब देंगे.
उत्तरांचल सरकार ने कोरोना वायरस की खुसी में शराब के दाम खूब बड़ा दिए. शराब को खूब महंगा कर दिया गया, अन्य राज्यों की नक़ल करते हुए बस पेंसे कमाने की होड़ में दाम खूब बड़ा दिए गए. यही नहीं कुछ अपनी खाश शराब कम्पनियों को मुनाफा देने के लिए बाकी कम्पनियों को धीरे धीरे गायब किया जाना शुरू होने लग गया.
इनकी चालाकी देखो खुद को ही पीड़ित बताने लगे और शराब की कीमतें बड़ा दी जबकि एक्साइज ड्यूटी नियमावली साफ़ कहती है कि जब किसी वस्तु पर इम्पोर्ट ड्यूटी लगा दी गयी हो तो उस पर कोई और टैक्स या ड्यूटी नहीं लगायी जा सकती पर ये नियम इनके लिए नहीं है ये सिर्फ आम लोगों के लिए हैं ये जब चाहें इन नियमों को बदल सकतें है. आज जो टैक्स २५ रूपये था उसे ५०० रूपये कर दिया गया. अब आप मजबूर होंगे इनसे शराब खरीदने को. अब पीओ शराब और नाचो.
अब आज के आदेश पर नजर डालो! ८ मई २०२०:
अब शराब कम्पनियां अपने अपने हिसाब से किसी भी ब्रांड का खेल खेल सकती हैं. वो ब्रांड इनके खुद के भी हो सकते हैं. इनको मंजूरी कहाँ से मिलेगी शराब बेचने की ये भी तय हो रखा है. सचिवालय में सब फिक्स हो गया यहाँ आपकी जेब लुटने के सारे इंतजाम हो गए.
उत्तरांचल के मुख्यमंत्री जी को लगता है की उत्तरांचल के लोग शरीफ हैं क्या कर लेंगे और आप लोग कर भी क्या लोगे. पूर्ण बहुमत की सरकार है संजीवनी बूटी खा रखी है, सर पर भगवान् परसुराम का हाथ है और उत्तरांचल की जनता साथ है.
देखो इनको किसी की नहीं पड़ी हुई ये बस अपने कुछ लोगों का ख्याल ही रखतें है इसलिए अपने हकों के लिए लड़ना शुरू करो वरना कुचले जाओगे.
ये न्यूज़ पोर्टल जनता के लिए है, आप अपनी कोई भी समस्या हमरे साथ शेयर कर सकते है, हम आपकी आवाज बनेंगे, आपका नाम नहीं लेंगे या अगर नाम लेना है तो ले भी लेंगे पर आपके लिए लड़ेंगे बस आप कोशिश तो कीजये अपने हक़ के लिए.
हमें मेसेज, कमेंट, मेल, कीजिये हम आपकी बात दुनिया के सामने रखेंगे.
धन्यवाद.