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बड़ी खबर :- दिल्ली में दारू फ्री: अरविन्द केजरीवाल ने सोमवार ११ जनवरी से दिल्ली में शराब फ्री की.

दिल्ली में दारू फ्री, वो भी सोमवार से. आप सोच रहें होंगे ये झूटी खबर है बिलकुल ये झूटी ही खबर है, पर ये अरविन्द केजरीवाल ने बोला है पर गलती से बोल गए वो, अब आपको बताऊ केसे, असल में अरविन्द केजरीवाल को आदत है सब कुछ फ्री में देने की जेसे, बिजली फ्री, पानी फ्री, हॉस्पिटल फ्री और भी बहुत कुछ तो जब कल उनसे बात करते समाया पूछा गया की क्या क्या फ्री है तो उनके मुहं से निअकल गया की दारू फ्री दी जाएगी, बस क्या था 1 आदमी ने ये भी रिकॉर्ड कर दिया और छाप दिया. फिर क्या था मच गया बवाल.



थोड़ी देर बाद केजरीवाल को याद आया की वो क्या गए यार, फिर बोले अरे नहीं यार आदत से मजबूर हूँ इसलिए दारू फ्री में देंगे बोल दिया,

असल में अरविन्द केजरीवाल दिल्ली वालों को फ्री में सब कुछ देने के जनक हैं तो लोगों को उनसे उम्मीद भी रहती हैं. और लोग उनके मुहं से फ्री शब्द सुनने को बेताब रहते हाँ. पर वो फ्री में तब ही देतें है जब दुनिया में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा हो, जब लोग खा पी सकते हैं, भूके नहीं रह सकते, बिजली पानी का बिल भी दे सकतें है, और थोड़ी बहुत कमाई भी कर ही रहें है. सब अपना गुजरा कर रहें होतें है तब वो सब कुछ फ्री में देने लगते है.

पर अब जब कोरोना महामारी चल रही है और सबको जरूरत भी है फ्री की तो उनको सारे टैक्सेज याद आ गए,  वो फ्री शब्द भूल गए आजकल उनको लगता है की देल्ली में दिल्ली की जनता नहीं कहीं और से लोग रहने आ गए. तभी तो पेट्रोल डीजल के दाम बड़ा दिए, दिल्ली के लोगों के लिए दारू के दाम ७०% बड़ा दिए पर उनका कहना है की आजकल ये दारू दिल्ली वाले नहीं पी रहे न ही ये पेट्रोल डीज़ल दिल्ली वाले भरवा रहे हैं क्यूंकि  उनका मानना है की आजकल lockdown है ये सब लोग दिल्ली में भेजे गएँ हैं ये सब खरीदेंगे के लिए इसिलए ये भार दिल्ली वालों पर नहीं है उन पर हैं जो बाहर से ये सब खरीदने आये है, और बाद में हम ये पेंसा दिल्ली की जनता को फ्री में देंगे,

वाह जनाब, कसम से दिलखुश कर दिया.

केसे कर लेते हो ये सब, कसम से आपके चरण कहाँ हैं प्रभु, आपने दुगलेपन की हद पार कर दी, आप फ्री के रक्षक, जनता के भक्षक कह रहें हो की दिल्ली के लोगों को कोरोना के साथ मरने की आदत डालनी होगी क्यूंकि हम अपनी जेब नहीं भर पा रहे आजकल.

दुश्मनी की हद देखो रेड जोने होते हुए भी सब कुछ खोल दिया, लोगों को घर पहुचाने के लिए इनके पास गाड़ी नहीं पर ठेके सब खोल दिए वो भी 100 रूपये की बोतल को 170 रूपये महंगा करके.

पर दिल्ली वाले खुश हैं क्यूंकि फ्री में इतना खाया है कुछ अब ज्यादा दे भी देंगे तो क्या जायेगा, तो दो खूब दो, दे तो दोगे पर अगर घर परिवार में कोई मरेगा तब क्या करोगे. क्या लोग तेयार है कोरोना के साथ मरने के लिए. या ये सिर्फ केजरीवाल ही सोचते है.

केजरीवाल जी क्या होगा आपका, भारत की राजधानी दिल्ली में लोगों को इतनी आसानी से बेवकूफ बनाया और अब भी बना रहे हो पर कब तक, ये दिल्ली की जनता है अगर ओकात पर आ गयी तो तुमारी कमीज उत्तार देगी और फिर तुम कहा जाओगे इस बात का अनुमान नहीं क्यूंकि दिल्ली के अलावा फ्री और कहीं नहीं है.

लोगों को बेवकूफ बनाया सिर्फ फ्री के नाम पर और आज उन लोगों को ही लूट रहे हो उनको कह रहे हो कि कोरोना के साथ मरने की आदत डाल दो यार क्या यही फ़र्ज़ है तुमारा, इसलिए फ्री दिया तुमने की मुस्किल की घडी में तुम ये नाच नाचों.

दिल्ली वाले बेचारे तुमारे मफलर और गले की खांसी के बीच फंस गए. आजकल खांसी ले मत लेना वरना ये बावले तुमे ही सबसे पहले कोरोना नायक घोषित कर देंगे.

बहुत कुछ है बाकी आगे लिहते रहेंगे.

इतिश्री  

 

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