कुंभ एक्सक्लूसिव: कुंभ मेले से पहले बहुत से बंद कार्य हुए पूरे। जानिये पूरी खबर।
हटाने के लिए हजारों पेड़ और सैकड़ों बिजली के पोल, उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न विभागों की जमीन का रोड़ा और फिर लॉकडाउन की मार। इस तरह की कई बाधाओं के बावजूद सिंचाई खंड रुड़की ने हरिद्वार कुंभ से करीब एक महीने पहले गंगनहर की पटरी के चौड़ीकरण और चकाचक सड़क निर्माण का काम लगभग पूरा कर एक नजीर पेश की है। करीब एक महीने से रुड़की में बंद किए गए मार्ग को खोल दिया गया है। गंगनहर पटरी पर अब दोपहिया और चौपहिया वाहन फर्राटा भर रहे हैं। इससे हाईवे पर भी वाहनों का दबाव कम होने लगा है।
करीब एक साल पहले सिंचाई खंड रुड़की ने नारसन बॉर्डर से जटवाड़ा पुल धनौरी तक 35 किमी लंबी गंगनहर कांवड़ पटरी के चौड़ीकरण का काम शुरू किया था। इस बीच लॉकडाउन के चलते करीब तीन महीने काम बंद भी करना पड़ा। कुंभ से पहले काम पूरा करने को चुनौती मानते हुए विभाग ने कई बाधाओं को पार किया। यहां खड़े 1180 पेड़ों की कटाई की जानी थी। इसके बाद जड़ों को उखाड़कर मिट्टी को लेवल करना था।
जहां सड़क किनारे खाई थी, उसे पाटकर डामरीकरण करना था। बिजली के 350 पोल भी शिफ्ट कराए जाने थे। इसके लिए ऊर्जा निगम से लंबी औपचारिकताएं पूरी की र्गइं। यूपी के अधिकार क्षेत्र में जमीन होने के चलते मुजफ्फरनगर, देवबंद डिवीजन से भी कई औपचारिकताएं पूरी कराई र्गइं। अब नारसन बॉर्डर से रुड़की और इसके आगे धनौरी तक कांवड़ पटरी मार्ग चकाचक होने से सफर सुहाना हो गया है। अब जटवाड़ा पुल के पास मात्र छह किमी हिस्से का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि 15 दिसंबर से पहले इसे भी पूरा कर लिया जाएगा।
दो चरणों में जारी हुआ था बजट:
सिंचाई खंड रुड़की की ओर से नारसन बॉर्डर से धनौरी के जटवाड़ा पुल तक 35 किमी लंबी कांवड़ पटरी की चौड़ाई के लिए ई टेंडर जारी हुआ था। दो चरणों में जारी हुए बजट के तहत चौड़ीकरण के लिए प्रथम चरण में 18.1 करोड़ और सड़क निर्माण के लिए दूसरे चरण में 38.06 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हुई थी।
काश! शहर के भीतर भी बनें ऐसी ही सड़कें:
गंगनहर पटरी के चौड़ीकरण के बाद मक्खन सी सड़क पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। इससे शहर के लोगों में खुशी है। चकाचक सड़क को देखकर लोग कह रहे हैं कि शहर के भीतर भी इसी तरह की सड़कें बनाई जानी चाहिए। व्यापारी नेता नवीन गुलाटी का कहना है कि शहर में सड़कें खानापूर्ति के लिए बनाई जाती हैं। चंद महीनों बाद ही बजरी उखड़ने लगती है, जगह-जगह गड्ढे बन जाते हैं। जिस तरह से कांवड़ पटरी का निर्माण हुआ है, उससे शहर में सड़क निर्माण कराने वाले विभागों को सीख लेनी चाहिए।
ई टेंडर के दौरान नौ बाहरी कंपनियों ने आवेदन किया था। कार्य की गुणवत्ता के लिए विभागीय अभियंताओं ने दिनरात मेहनत की है। प्रयास किया गया है कि गुणवत्ता में कोई कमी न रहे। धनौरी में जटवाड़ा पुल के पास छह किमी का काम रह गया है, यह भी दस दिन में पूरा कर लिया जाएगा। रुड़की में निर्माण कार्य पूरा करने के बाद मार्ग को आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।
-अतर सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड रुड़की