ताज़ा ख़बरेंदेहरादूनन्यूज़भारत

Comet Nishimura: आज 437 साल बाद रात को आसमान में दिखेगा ‘ धूमकेतु निशिमुरा ‘!

Comet Nishimura : इसे नग्‍न आंखों से देखा जा सकेगा, बशर्ते आप जिस जगह हैं, वहां कम से कम प्रदूषण हो। आसमान साफ हो और रोशनी ना के बराबर रहे।

आज रात आसमान एक ऐसी घटना का गवाह बनने वाला है, जो 437 साल में एक बार होती है। निशिमुरा नाम का एक धूमकेतु  (comet Nishimura) आज रात पृथ्वी सबसे करीब पहुंचेगा। खास बात है कि इस धूमकेतु के बारे में पहली बार पता पिछले महीने चला। आज यानी 12 सितंबर और 13 सितंबर को इसे देखने की उम्‍मीद बन रही है। अगली बार यह मौका 437 साल बाद आएगा। धूमकेतु को देखने के लिए किसी तरह की दूरबीन नहीं चाहिए। नग्‍न आंखों से इसे देखा जा सकेगा, बशर्ते आप जिस जगह हैं, वहां कम से कम प्रदूषण हो। आसमान साफ हो और रोशनी ना के बराबर रहे।

खगोलशास्त्रियों का मानना है कि निशिमुरा की उत्‍पत्ति‍ हमारे सौर मंडल के सुदूर में मौजूद ऊर्ट क्‍लाउड (Oort cloud) में हुई है। इसे कई बर्फीले ऑब्‍जेक्‍ट का इलाका माना जाता है। निशिमुरा धूमकेतु का वैज्ञानिक नाम C/2023 P1 है। पृथ्‍वी से होते हुए यह 17 सितंबर को सूर्य के करीब से गुजरेगा।

ऐसी घटनाओं का गवाह बनने के लिए सूर्यास्‍त के बाद से सूर्योदय होने तक का वक्‍त सबसे बेस्‍ट होता है। रात जितनी गहरी और अंधेरी होगी, धूमकेतु और उसकी चमक को देखने की संभावना बढ़ जाएगी।

न्‍यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि धूमकेतु को देखने का सबसे सही समय सूर्योदय से लगभग 90 मिनट पहले का है। इसे नग्‍न आंखों से भी देखा जा सकेगा, लेकिन अगर आपके पास टेलीस्‍कोप है, तो अनुभव और बेहतर हो जाएगा।

धूमकेतु का नाम शौकिया खगोलशास्त्री हिदेओ निशिमुरा के नाम पर रखा गया है। उन्‍होंने ही प‍िछले महीने इसे खोजा था। बताया जाता है कि आखिरी बार यह धूमकेतु हमारे ग्रह करीब 1500 के दशक में आया था। अगली बार इसे साल 2450 में देखा जाएगा। एक संभावना यह भी है कि सूर्य के करीब पहुंचने पर यह पूरी तरह से खत्‍म हो सकता है उसकी गर्मी की वजह से। ऐसा होने पर धूमकेतु निशिमुरा को दोबारा कभी नहीं देखा जा सकेगा।

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.