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बंद स्कूलों को खोलने पर बुधवार को होने जा रही कैबिनेट बैठक में फैसला हो जाएगा।



उत्तराखंड में पिछले सात महीने से बंद स्कूलों को खोलने पर बुधवार को होने जा रही कैबिनेट बैठक में फैसला हो जाएगा। पहले चरण में केवल 10वीं और 12वीं की कक्षाएं 20 अक्तूबर से शुरू हो सकती हैं। स्कूल खुलने को लेकर सभी जिलों से शिक्षकों और अभिभावकों की राय शासन जिलाधिकारियों के माध्यम से शासन तक पहुंची चुकी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए जहां कुछ अभिभावकों की ओर से स्कूल खोलने का विरोध हो रहा है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी चाहते हैं कि 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू करा दी जाएं। इसकी एक अहम वजह यह है कि उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राओं की हर साल जुलाई तक जमा होने जाने वाली एग्जाम फीस अब तक जमा नहीं हो पाई है और स्कूल खुले बिना फीस जमा होना मुश्किल है। समय पर फीस जमा न हुई तो बोर्ड परीक्षा कराने में दिक्कत आ सकती है।

यह है स्कूलों की स्थिति:
प्रदेश में 2334 सरकारी माध्यमिक विद्यालय, 399 राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालय, 84 अन्य सरकारी विद्यालय एवं और निजी विद्यालय हैं। कुल 3791 से अधिक माध्यमिक विद्यालय हैं, जो इस महीने से खुल सकते हैं।

बंद स्कूलों में किसी की आवाजाही नहीं हुई, ऐसे में उन्हें सैनिटाइज करने की जरूरत नहीं है। हालांकि स्कूल खुलने पर साफ सफाई कराई जाएगी। बच्चों को मास्क पहनकर आना होगा। इस संबंध में सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा।
-आरके कुंवर, शिक्षा निदेशक

यदि स्कूल खुल भी गए तो अभिभावक बच्चों को नहीं भेजेंगे। जब तक वैक्सीन नहीं आती या स्कूल संचालक और सरकार बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेती, तब तक स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।
– आरिफ खान, राष्ट्रीय अध्यक्ष नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स

करीब 60 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में:
प्रदेश में स्कूल खोले जाने को लेकर सरकार की ओर से सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मंगाई गई थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि शासन को जिलों से रिपोर्ट मिल चुकी है। जिसमें करीब 60 फीसदी अभिभावक 9 वीं से 12 वीं तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने के पक्ष में हैं।

अल्मोड़ा में 1100 में से 650 अभिभावकों ने 9 वीं से 12 वीं तक स्कूल खोलने पर यह कहते हुए सहमति दी है कि बच्चों के लिए सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। रुद्रप्रयाग में 9 वीं से 12 वीं तक 80 फीसदी अभिभावकों ने स्कूल खोलने पर सहमति दी है।

नैनीताल, पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में 50-50 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। चंपावत और चमोली में 60-60 फीसदी अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के साथ स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। बागेश्वर में अधिकतर अभिभावक अभी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं। जबकि पौड़ी जिले में अभिभावक एक राय नहीं हैं। जबकि कुछ अन्य जिलों से भी अभिभावकों की स्कूल खोले जाने को लेकर मिलीजुली राय सामने आई है।

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