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गढ़वाल विवि ने दो कर्मचारियों का निलंबित कर दिया।



नियुक्ति संबंधी पत्रावलियों को रखने में लापरवाही और ओवर राइटिंग के मामले में गढ़वाल विवि ने दो कर्मचारियों का निलंबित कर दिया। विवि ने मामले में प्रो. इंदू खंडूड़ी की अध्यक्षता में जांच कमेटी भी गठित की है।

लगभग चार माह पूर्व गढ़वाल विवि के विभिन्न विभागों में संकाय सदस्यों की नियुक्ति की गई है। इतिहास विभाग में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित न होने पर एक अभ्यर्थी जसपाल खत्री उच्च न्यायालय की शरण में चला गया। उक्त अभ्यर्थी ने न्यायालय में पेश करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम का प्रयोग करते हुए सहायक प्रो. पद पर चयनित अभ्यर्थी के दस्तावेज मांगे।
आरटीआई में विवि के शैक्षणिक एवं प्रशासन अनुभाग की ओर से दिए गए एक प्रपत्र में ओवर राइटिंग पाई गई। विवि के कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार ने बताया कि चयनित अभ्यर्थी के ईडब्लूएस (आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग) प्रपत्र में काटकर सामान्य किया गया था। जबकि अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लेन के लिए आवेदन पत्र अलग-अलग भरे थे।
इसे लापरवाही मानते हुए अनुभाग अधिकारी और नैत्यिक लिपिक (एलडीसी) को प्रारंभिक जांच के आधार पर निलंबित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जांच में यह देखा जाएगा कि प्रपत्र में ओवर राइटिंग किसने की? फिलहाल उक्त कर्मचारियों को इसलिए निलंबित किया गया, क्योंकि कागजात उनकी देखरेख में थे।

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