सोशल मीडिया वायरल

15 अक्टूबर को नहर बंदी होने से महाकुंभ कार्य एक बार फिर रफ्तार पकड़ेंगे।



हरिद्वार में चार गंगा घाटों और एक पुल का निर्माण नहर बंदी नहीं होने से लंबे समय से अटका हुआ है। मेला प्रशासन और जिला प्रशासन नहर बंदी के लिए कई बार उत्तरप्रदेश शासन और सिंचाई विभाग पत्र लिख चुके थे। आखिरकार केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पाखरियाल निशंक ने नहर बंदी लिए हस्तक्षेप किया। अब 15 अक्तूबर को नहर बंदी होने से महाकुंभ कार्य एक बार फिर रफ्तार पकड़ेंगे।

हरिद्वार में महाकुंभ के आयोजन के अब तीन माह शेष बचे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने सभी अधिकारियों को समय पर सभी निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। इनमें सात गंगा घाट और हरिद्वार-देहरादून हाईवे पर केबिल पुल के पास निर्माणाधीन पुल भी शामिल था, लेकिन चार घाटों और पुल के निर्माण के लिए नहर बंदी बहुत जरूरी थी।
बीते जुलाई में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के समक्ष यह मामला आया था। तब उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री महेंद्र यादव से वार्ता की। जल संसाधन मंत्री ने शासन स्तर पर कार्यवाही का आश्वासन दिया। साथ ही डॉ. निशंक ने नहर बंदी के लिए उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भी भेजा।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीके सिंह ने बताया कि 25 दिन में सभी घाटों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वहीं हाईवे निर्माण की कार्यदायी संस्था सैम इंडिया के परियोजना प्रबंधक अजय शर्मा ने बताया कि पुल का एक स्पान बन गया गया है। शेष तीन स्पान एक माह के भीतर बन जाएंगे।

अधिकारियों के बीच तालमेल जरूरी:
बीते साल अक्तूबर को अधिकारियों में तालमेल की कमी के चलते निर्माणाधीन गंगा घाट बह गए थे। दरअसल यूपी सिंचाई विभाग ने रात को अचानक गंगनहर में पानी छोड़ दिया। जबकि उत्तराखंड सिंचाई विभाग केे इसकी खबर तक नहीं लगी। इसके बाद दोनों ही राज्यों के विभाग नुकसान के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बताने लगे, लेकिन अब महाकुंभ के आयोजन में बेहद कम समय बचा है। ऐसे में अधिकारियों का आपसी तालमेल और अपडेट रहना बहुत जरूरी है।

हाईवे निर्माण के बीच से बड़ा अवरोध हटा:
मेला भवन के पास केबिल पुल को हाईवे का बोटल नैक कहा जाता है। यहां सबसे अधिक जाम लगता है। अगर इस पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो तो हाईवे निर्माण के बाद भी जाम की समस्या बनी रहती है। कार्यदायी संस्था सैम इंडिया लगातार पुल निर्माण के अवरोधों को दूर करने का काम कर रही थी।

अगस्त में सिल्ट आने से बैराग बंद करने के दौरान भी कंपनी ने पुल का निर्माण शुरू कर दिया था। तब कंपनी ने पुल स्पान के निर्माण के लिए केवल आठ दिन का समय मांग था, लेकिन उत्तर प्रदेश शासन ने खेतों में सिंचाई का हवाला देते हुए प्रस्ताव को स्वीकृति देने से इनकार कर दिया था।

दशहरे से दस दिन पहले बंद होगी गंगनहर:
हरिद्वार में 15 अक्तूबर की मध्यरात्रि को गंगनहर बंद कर दी जाएगी। इस बार उत्तरप्रदेश शासन ने दशहरे के दस दिन पहले गंगनहर को बंद करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने नहर बंदी के लिए उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा था।

उत्तर प्रदेश शासन ने सालाना नहर बंदी को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। 15 अक्तूबर को गंगनहर में पानी रोक दिया जाएगा। वहीं दीपावली के ठीक अगले दिन मध्यरात्रि को गंगनहर में पानी छोड़ दिया जाएगा। हरिद्वार में चार घाटों और हाईवे पर एक पुल का निर्माण रुका पड़ा है।

प्रमुख निर्माण कार्य को महाकुंभ तक पूरा करने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एसडीओ विक्रांत सैनी ने बताया कि 15 मध्यरात्रि से लेकर 15 नवंबर मध्यरात्रि तक गंगनहर अनुरक्षण कार्यों के लिए बंद रहेगी।

Spread the love

admin

सच की आवाज हिंदी भाषा मे प्रकाशित राष्ट्रीय दैनिक प्रसारण तथा डिजिटल के माध्यम से विश्वसनीय समाचारों, सूचनाओं, सांस्कृतिक एवं नैतिक शिक्षा का प्रसार कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में प्रयासरत है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *