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अब ट्रैफिक पुलिस नहीं कर सकेगी Driving License रद्द! हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

अगर आप भी ट्रैफिक पुलिस की मनमानी से परेशान रहते हैं या कभी बिना किसी ठोस वजह के आपका ड्राइविंग लाइसेंस ज़ब्त किया गया हो, तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस जैसी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए ट्रैफिक पुलिस की ताकतों की सीमा तय कर दी.

अगर आप भी ट्रैफिक पुलिस की मनमानी से परेशान रहते हैं या कभी बिना किसी ठोस वजह के आपका ड्राइविंग लाइसेंस ज़ब्त किया गया हो, तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस जैसी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए ट्रैफिक पुलिस की ताकतों की सीमा तय कर दी है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि ट्रैफिक पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस ज़ब्त तो कर सकती है, लेकिन उसे निलंबित या रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है।

क्या है पूरा मामला?
यह मामला श्री पांडा नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस के एक सार्जेंट ने उनका ड्राइविंग लाइसेंस ज़ब्त कर लिया और बिना किसी वैध कारण के उनसे ₹1,000 का जुर्माना भी वसूला। याचिकाकर्ता का दावा था कि ये पूरी कार्रवाई मोटर वाहन अधिनियम की धारा 206 का उल्लंघन है, जो लाइसेंस ज़ब्ती की प्रक्रिया को स्पष्ट करता है।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति पार्थसारथी चटर्जी की एकल पीठ ने 24 जुलाई 2025 को सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया:

जब्ती की सीमा – पुलिस सिर्फ अस्थायी रूप से लाइसेंस ज़ब्त कर सकती है, लेकिन उसे अदालत या RTO को भेजना अनिवार्य होगा।
निलंबन या रद्द करने का अधिकार – यह अधिकार केवल लाइसेंसिंग अथॉरिटी (RTO) के पास है, पुलिस के पास नहीं।
लिखित कारण जरूरी – पुलिस को लाइसेंस ज़ब्त करने या चालान काटने से पहले लिखित में ठोस कारण देना होगा।
पावती देना अनिवार्य – यदि लाइसेंस ज़ब्त किया जाता है तो पुलिस को धारा 206(3) के तहत अस्थायी पावती देना जरूरी होगा।

source: punjabkeshri

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