एसटीएफ की नशा तस्करों पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, साढ़े चार करोड़ की स्मैक बरामद
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने नशा तस्करों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ के एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने सितारगंज के दो तस्करों को नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया। आरोपित बरेली से स्मैक लाकर नेपाल में बेचने जा रहे थे। आरोपितों से एक लोड तमंचा भी बरामद किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि नशा तस्करी में लिप्त तस्करों की गिरफ्तारी के लिए एएनटीएफ को सक्रिय किया गया है। शुक्रवार को एएनटीएफ के निरीक्षक पावन स्वरूप को सूचना मिली कि कुछ तस्कर खटीमा के रास्ते नेपाल स्मैक सप्लाई करने जा रहे हैं।
स्थानीय पुलिस के साथ नाकेबंदी
सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस के साथ नाकेबंदी की गई। इस दौरान एक कार रोकना चाहा, लेकिन वह आगे बढ़ गई। टीम ने कार का पीछा करते हुए चकरपुर बनमंडी महादेव मंदिर के पास कार को रोक लिया। जिसकी तलाशी में एक किलो 527 ग्राम स्मैक, एक लोड तमंचा व छह कारतूस बरामद हुए। स्मैक तस्करी समेत अन्य आरोप में कार में सवार हरविंदर सिंह निवासी शक्तिफार्म सितारंगज व जसदीप निवासी जनता फार्म, गैरी खेरा, सितारंगज को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, स्मैक की कीमत करीब साढ़े चार करोड़ रुपये है। आरोपित हरविंदर सिंह, जसदीप सिंह का फूफा लगता है। एसएसपी ने एएनटीएफ की टीम को 25 हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की है।
विदेश जाने की चाह में बन गया तस्कर
एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि हरविंदर सिंह दो साल से नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था। वह बरेली से नेपाल व अन्य जगहों में स्मैक सप्लाई करता है। वहीं जसदीप सिंह विदेश जाने की कोशिश में लगा था। कुछ समय पहले उसने चोरी-छिपे विदेश जाने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया।
अब वह पासपोर्ट व वीजा लेकर कनाडा जाने की योजना बना रहा था, लेकिन उसके पास रुपये नहीं थे। ऐसे में वह अपने फूफा के साथ नशीले पदार्थों की तस्करी करने लगा। छह-सात महीने से वह नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था।